न्यूनतम वेतन की मांग करते हुए चाय बागान मज़दूरों ने छेड़ा केंद्र सरकार के खिलाफ अभियान

 केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार की जनविरोधी नीतियों के साथ-साथ फासीवादी चरित्र का विरोध करते हुए 6 फरवरी से शुरू हुए अपने अभियान को श्रमजीवी अधिकार अभियान ने सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रखा और पूर्वी दुआर क्षेत्र के कार्तिका चाय बागान में अपना प्रदर्शन किया।

अभियान ने कहा कि अम्बानी-अदानी जैसे पूंजीपतियों को मोदी सरकार ने देश के जल, जंगल और जमीन के ऊपर हस्तक्षेप करने की खुली छूट दे रखी है परन्तु इसी देश के वनवासी, चाय और सिन्कोना बागानवासी को पर्जा-पट्टा के अधिकार से वंचित रखा है। चाय मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी के मुद्दे को केन्द्र सरकार द्वारा पारित किये गये National Floor Level Minimum Wage और Wage Code Act ने दिशाहीन बना दिया है।

मौजूदा स्थिति में  मजदूरों को 580 रुपये की न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए लेकिन भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की न्यूनतम मजदूरी दर को 178 रुपये कर दिया है। दूसरी ओर इसी पार्टी के दार्जीलिंग सांसद राजू बिष्ट 380 रुपये की न्यूनतम मजदूरी की बात कर के मजदूरों के बीच झूठा प्रचार कर रहे हैं।

सूबे के क्रार्तिका चाय बागान में अभियान ने परचा बांटा, पोस्टर लगाये, जनचेतनामूलक गीत गाये और सभा को संबोधित किया। जिस प्रकार से भाजपा/आरएसएस जनता की एकता को धर्म और जात-पात में बांटकर जन-मानस मै अफवाह फैला रही है, इन्हीं विषयों को लेकर अभियान के तहत  जनता को  सचेत करने का प्रयास किया गया। 

अभियान के दूसरे दिन दुआर के कोहिनूर चाय बागान, सामुकतला, हल्दिवारी चोपत्ती, बानियलगुडी, और  गारोपाडा क्षेत्र का भ्रमण किया गया। गारोपाडा मै भव्य रूप में सांस्कृतिक प्रतिवाद कार्यक्रम  सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में क्षेत्र के सांस्कृतिक कर्मियों ने नृत्य और  गान प्रस्तुत किये।

मजदूर प्रतिनिधियों ने श्रमजीवी अधिकार अभियान को  संबोधित करते हुए भाजपा सरकार द्वारा पारित जनविरोधी नीतियों का कड़े शब्दों में विरोध किया। अभियान मे शामिल नाट्यकर्मियों ने ‘संघर्ष’ नाम का नुक्‍कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया।

इस क्षेत्र के किसान, मजदूर, सचेत युवा और गणतन्त्र पक्षधर जनमानस को केन्द्र में अवस्थित फासीवादी चरित्र वाली भाजपा सरकार की हानिकारक नीतियों के बारे में अवगत कराया गया। अभियान को क्षेत्र के मजदूर प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि आज तक केन्द्र सरकार ने जितने भी कानून पारित किये वो सभी जनता के हितों के बजाय पूंजीपतियों के पक्ष में हैं।

भाजपा की इस प्रकार की झूठी नीतियों के विरोध कर के और भाजपा/आरएसएस के फासीवादी चरित्र को अभियान जनता के सामने रख रहा है। देश के गणतान्त्रिक परिवेश को सुरक्षित रखने के लिए आगामी मार्च महीने तक अभियान क्रमिक रूप से चलेगा।

(जनपथ की खबर से साभार)

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