वन गूजरों को उजाड़ कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहा है वन प्रशासन

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उत्तराखंड में वन ग्रामों में रह रहे वन गूजरों को उनकी ज़मीनों से बेदखल करने की कोशिश सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और वन अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना का मुकदमा किया जाएगा।

गुरुवार को रामनगर के पास नत्थावली खत्ते में हुई वन ग्राम के निवासियों की बैठक में वन अधिकारियों से गैरकानूनी कारनामों को तुरंत रोकने की अपील की गई।

बैठक में अर्जुननाला व बन्नाखेड़ा क्षेत्र में वन गूजरों के घरों के बाहर जेसीबी से खाई खोदे जाने के प्रति आक्रोष व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना वाला कार्य बताया।

हालांकि शुक्रवार को पोखरा रेंज में गुर्जर खत्तों में खाई खोदने एवं तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

गौरतलब है कि एक दिन पहले  एक सरकारी आदेश में ज़मीन खाली कराने का आदेश रेंज के स्तर पर जारी करने की बजाय प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा जारी करने को कहा गया था।

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2019 में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद कार्रवाई

वन गूजर ट्राइबल संगठन के नेता मीर हमजा ने कहा कि वन गूजर सदियों से जंगलों में रहकर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं। वन गूजरों ने भारत की संसद द्वारा बनाए गए वन अधिकार कानून 2006 के तहत निजी एवं सामुदायिक दावे समाज कल्याण विभाग के समक्ष प्रस्तुत किए हुए हैं।

उन्होंने कहा कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने वनाश्रित समाज के उन लोगों को जंगलों से बेदखल करने पर रोक लगाई हुई है जिन्होंने वनाधिकार कानून के तहत समाज कल्याण विभाग के समक्ष दावे प्रस्तुत किए हुए हैं।

हमजजा ने बताया कि इस मामले की सूचना लिखित रूप में मुख्य सचिव उत्तराखंड को दे दी गई है, इसके बावजूद वन अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं।

मोहम्मद साहब ने कहा कि इस मामले को लेकर वन अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दायर किया जा रहा है।

समाजवादी लोक मंच के संयोजक  मुनीष कुमार ने सरकार से तत्काल इस अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि यह अभियान उत्तराखंड के लिए एक त्रासदी बन रहा है।

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मुनीष कुमार के अनुसार, अतिक्रमण विरोधी अभियान के नाम पर की जा रही गैरकानूनी कार्रवाइयों से 10 लाख से भी अधिक लोग बेघर होकर सड़क पर आ जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह देश के नागरिकों को रातों-रात बेघर कर दे।

उन्होंने उत्तराखंड की जनता से आह्वान किया कि वह बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर सरकार के इस बेघर करने के अभियान के खिलाफ सड़कों पर आकर प्रतिरोध करें तथा एक भी घर ना टूटने दें।

बैठक का संचालन वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के गोपाल लोधियाल ने किया। बैठक को मोहम्मद इसहाक, मौ. साद, मौ. शफी, गामा गूजर, महेश जोशी, सरस्वती, कौशल्या आदि ने भी जनता से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।

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