अमेरिकाः न्यूयॉर्क के दो बड़े अस्पतालों में 7000 नर्सों की हड़ताल

अमेरिका  के न्यूयॉर्क शहर के दो सबसे बड़े अस्पतालों की नर्सें वेतन और कर्मचारियों के स्तर के विवाद में सोमवार से हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में 7000 नर्सों ने हिस्सा लिया। जिसमें ब्रोंक्स के मोंटेफियोर मेडिकल सेंटर में 3,500 नर्स और मैनहट्टन में माउंट सिनाई अस्पताल में लगभग 3,600 नर्सें शामिल हुई।

नर्स यूनियन का कहना है कि बीते सप्ताह के अंत में हुई बातचीत के बाद अभी तक एक नए कॉन्ट्रैक्ट के लिए एक सौदा नहीं हुआ है।

ज्ञात हो कि नर्सों के यूनियन ने वेतन में 19 फीसदी वृद्धि की मांग की है। बीते साल  15 दिसम्बर को वेतन बढ़ाने और बेहतर कामकाजी परिस्थिति की मांग को लेकर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद इंग्लैंड,  वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में नर्सों ने काम बंद कर दिया।

इस दौरान नर्स यूनियन का कहना है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो वह जनवरी में और हड़तालें करेगी।

नर्सों ने हड़ताल के दौरान महत्वपूर्ण देखभाल और कैंसर सेवाओं सहित प्रमुख क्षेत्रों में कर्मचारियों के लिए सहमति व्यक्त की है, लेकिन इंग्लैंड,  वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में हजारों ऑपरेशन और प्रक्रियाएं रद्द कर दी गई हैं। जबकि स्कॉटलैंड में नर्सें हड़ताल पर नहीं हैं।

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नर्स यूनियन का प्रतिनिधित्व करने वाले न्यूयॉर्क स्टेट नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि “नर्सें हड़ताल नहीं करना चाहतीं। लेकिन जब प्रबंधन ने नर्सों की मांगों को नहीं माना तो नर्सों को दोबारा हड़ताल पर जाना पड़ा।

संगठन का कहना है कि मालिकों को नुकसान पहुंचाने वाले असुरक्षित कर्मचारियों के संकट को दूर करने के लिए हमारे प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करने से इनकार करके मालिकों ने हमें हड़ताल करने के लिए मज़बूर किया है।

गवर्नर कैथी होचुल ने रविवार देर रात संघ और अस्पतालों से आग्रह किया कि वे विवाद का कोई हल निकालें।

देश भर में नर्सिंग यूनियनों ने 2020 में महामारी के कारण अधिक स्टाफिंग पर जोर दिया है, बर्नआउट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रोगी की देखभाल में बाधा उत्पन्न हुई है और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को नुकसान के रास्ते में रखा गया है।

3 जनवरी को शिकागो के एक अस्पताल में 400 से अधिक नर्सों ने कर्मचारियों की कमी के कारण छंटनी के बाद तीन दिवसीय हड़ताल के लिए काम छोड़ दिया। ओकलैंड और बर्कले, कैलिफ़ोर्निया में नर्सों ने क्रिसमस की पूर्व संध्या से नौ दिनों की हड़ताल की।

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अन्य 400 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों – जिनमें नर्सिंग सहायक, सर्जिकल तकनीशियन, फार्मासिस्ट, आहार विशेषज्ञ और प्रयोगशाला सहायक शामिल हैं।

गौरतलब है कि बीते दिसंबर के महीने में ब्रिटेन में हड़तालों का दौर जारी था। दरअसल यूक्रेन युद्ध के कारण ब्रिटेन में महंगाई दर 11.1 फीसदी तक पहुंच गई है। जिसकी वजह से हर विभाग के कर्मचारियों को जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल कर रहे या हड़ताल पर जाने वाले हर क्षेत्र के कर्मचारियों की मुख्य मांग वेतन वृद्धि से जुड़ी है।

बढ़ी महंगाई दर के बावजूद ब्रिटेन की सरकार ने टैक्स दरों में बढ़ोतरी की है। इस पर यूनियनों का कहना है कि कर्मचारियों का वेतन पहले से कम है, तो वह अधिक टैक्स कैसे दें?

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