कोरोना में हर 30 घंटे में बना एक नया अरबपति, हर 33 घंटे 10 लाख लोग गरीबी में धकेले गए

ambani adani modi tata

जहां एक तरफ स्विट्ज़रलैंड के दावोस में World Economic Forum की सालाना मीटिंग के लिए दुनिया के अमीर और ताकतवर लोग इकट्ठा हो रहे हैं, वहीं Oxfam ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमे कोरोनावायरस महामारी के दौरान अमीरों द्वारा अभूतपूर्व मुनाफाखोरी पर निशाना साधा है।

सोमवार को जारी की गई Profiting From Pain नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी के दौरान हर 30 घंटे में नया व्यक्ति अरबपति बन रहा था, और लगभग इतने ही समय में 10 लाख लोग गरीबी में धकेल दिए गए।

रिपोर्ट का कहना है कोरोनावायरस महामारी, बढ़ती वैश्विक असमानता और नई उचाइयों को छूते खाद्य सामग्री और जरूरी सामान के दामों के कारण 26 करोड़ के भी ज्यादा लोगों का 2022 में गरीबी में पतन हो सकता है।

रिपोर्ट यह दिखाती है कि दुनिया के अरबपतियों ने इन दो सालों में इतना मुनाफा कमाया जितना इन्होंने 23 साल में कमाया था।

खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र में अरबपतियों ने इन दो सालों में कुल मिलाकर 453 अरब डॉलर कमाए — यानि उनकी संपत्ति में हर दो दिन में एक अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।

महामारी के दौरान कुल 573 नए व्यक्ति अरबपति बने, जिसमें से 62 खाद्य क्षेत्र के हैं।

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Oxfam International की executive director गैबरिएला बचर ने कहा कि दुनिया भर में नवउदारवादी नीतियों की वजह से पब्लिक सर्विसेज़ का प्राइवेटाइजेशन हो चुका है।

इन नीतियों के कारण कॉर्पोरेट शक्तियों को टैक्स से भारी बचाव में मदद की और मजदूर अधिकारों को खत्म करने का काम किया। 

माहामारी के दौरान दुनिया की अर्थव्यवस्था को डूबने से बचाने के लिए देशों के केन्द्रीय बैंको ने खरबों रुपए डाले। जिससे हुआ यह कि अमीरों की संपत्ति में सीधा इजाफा हुआ।

अत्यधिक कॉर्पोरेट मुनाफे से चीजों के बढ़ते दामों का सीधा रिश्ता है। अमेरिका में बढ़ते कॉर्पोरेट मुनाफे का मुद्रास्फीति में 60% योगदान है।

अरबपतियों की संपत्ति का अब दुनिया की GDP में अब 13.9% हिस्सा है, जो की साल 2000 के आँकड़े 4.4% में तीन गुना का इजाफा है।

तीन अलग खाद्य कंपनियों के साथ मिलकर Cargill परिवार का दुनिया के कृषि बाजार के 70% हिस्से पर कब्जा है।

साल 2021 में Cargill को ऐतेहासिक पाँच अरब डॉलर का मुनाफा हुआ और इस साल उस रिकार्ड के भी टूटने की आशंका है। 

केवल Cargill परिवार में 12 अरबपति हैं, जिनकी संख्या माहामारी के पहले आठ थी।

रिपोर्ट का कहना है अगर दुनिया के 10 सबसे अमीर आदमियों के सिर्फ माहामारी के दौरान कमाए गए मुनाफे पर 99% टैक्स लगाया जाए, तो उससे पूरी दुनिया के लिए पर्याप्त वैक्सीन बनाई जा सकती है, दुनिया भर की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है और लिंग के आधार पर होने वाली हिंसा के विरुद्ध 80 देशों में काम किया जा सकता है। 

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