उत्तरप्रदेश के बरेली में थाने के अंदर हिंदू संगठनों का उत्पात, निलंबित हो गए सिपाही, थानेदार लाइन हाजिर

उत्तरप्रदेश के बरेली शहर में किला कोतवाली के अंदर हिंदू संगठनों ने जमकर उत्पात मचाया। आरोप है कि तोडफ़ोड़ कर सिपाहियों से हाथापायी की भी कोशिश की। बेकाबू अराजक भीड़ को तितर बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।

भाजपा, विश्व हिंदू परिषद, विद्यार्थी परिषद समेत कई संगठनों के नेताओं के पहुंचने पर मामला गरमा गया। आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तीन सिपाहियों और एक चौकी इंचार्ज को निलंबित करने के साथ ही थाने के इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी आईपीएस की भूमिका पर भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।

उत्पात की वजह बना अंतरधार्मिक प्रेम विवाह। ब्राह्मण समुदाय की युवती का वीडियो वायरल होने के बाद कई कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठनों के नेता भीड़ के साथ थाने में आ धमके। युवती ने वायरल वीडियो में आधार कार्ड दिखाकर खुद को बालिग बताकर प्रेमी पति के परिजनों को परेशान न करने की अपील की है और खुद की मर्जी से विवाह का बयान जारी किया है।

वहीं, प्रदर्शनकारी युवती को नाबालिग बताकर बरामद करने और पुलिस की सुस्ती को निशाना बनाकर थाने पहुंचे। उन्होंने थाने के अंदर तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। कुर्सियां तोडऩे के साथ ही सिपाहियों के साथ धक्कामुक्की शुरू हुई तो थाने के पास ही क्षेत्राधिकारी तृतीय का कार्यालय होने से सूचना बड़े अफसरों तक पहुंच गई। बेकाबू भीड़ पर जब समझाने का कोई असर नहीं हुआ तो बल प्रयोग कर भीड़ तितर बितर करने का आदेश हो गया। ये आदेश किसने किया, यह स्थिति साफ नहीं है।

अलबत्ता, हल्का बल प्रयोग होने के बाद बरेली की बिथरी चैनपुर विधानसभा के विधायक राजेश मिश्र उर्फ पप्पू भरतौल (पिछले साल अंतरजातीय विवाह के चलते सुर्खियों में रहीं साक्षी मिश्रा के पिता) , शहर विधायक डॉ.अरुण कुमार सक्सेना, हिंदू जागरण मंच के नेता व केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार के करीबी माने जाने वाले गुलशन आनंद आदि समर्थकों के साथ हिंदूवादी संगठनों के बचाव में पहुंच गए।

माहौल गरमाने पर आला अधिकारी एडीजी जोन, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी समेत कई थानों की फोर्स भी पहुंच गई। भीड़ थाने से तो छंट गई, लेकिन थाने के बाद मुख्य सडक़ पर जमावड़ा लगा रहा, जिससे कानून व्यवस्था बिगडऩे के हालात नजर आए।

इसी भीड़ में लोग ठहाके लगाकर कुछ प्रदर्शनकारी दारोगाओं और सिपाहियों के साथ ही सीओ थर्ड पर कार्रवाई करवाने को भौंहें तानते रहे। मामला शांत तब हुआ, जब एसपी सिटी ने तीन सिपाहियों को बल प्रयोग के आरोप में निलंबित कर दिया और थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया।

घटना के चश्मदीद रहे स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार अशोक शर्मा का कहना है कि थाने में भीड़ दाखिल हुई और पुलिस से लडक़ी को बरामद करने की मांग कर तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। देखते ही देखते थाने का फर्नीचर कबाड़ में तब्दील हो गया। हंगामा, शोरशराबे से आसपास दहशत फैल गई। शहर में अफवाहें भी फैलने लगीं। विहिप ने युवती के अपहरण के आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द न होने पर धर्म पंचायत करने का ऐलान किया है। आसपास फोर्स तैनात की गई है और खुफिया टीमें हालात पर नजर रखे हैं।

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