झारखंड सरकार ने मनरेगा मज़दूरों की प्रति दिन मज़दूरी 12 रुपए बढ़ाई, साल में दूसरी बार हुई बढ़ोत्तरी

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झारखंड सरकार ने राज्य में मनरेगा मज़दूरों को प्रति दिन मिलने वाली मज़दूरी में 12 रुपए की बढ़ोतरी की है। यह मज़दूरों के वेतन में साल में दूसरी बढ़ोत्तरी है। बढ़ी हुई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी।

Times of India में आयी खबर के अनुसार राज्य ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने बताया, “1 जुलाई से मनरेगा मज़दूरों के वेतन में बढ़ोत्तरी की गई है। राज्य में मनरेगा के तहत काम करने वाले मज़दूरों को प्रति दिन 12 रुपये की अतिरिक्त मज़दूरी दी जाएगी। यह एक वर्ष में उनके मज़दूरी में दूसरी वृद्धि होगी।”

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आलम ने कहा कहा कि, “राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरी को बढ़ाकर 225 रुपये प्रति दिन कर दिया था, यह घोषणा करने के बाद कि वह केंद्र के 198 रुपये के निर्धारित मज़दूरी के अलावा मज़दूरों को अतिरिक्त 27 रुपये तक का भुगतान कर सकती है।”

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जिसके चलते अब राज्य सरकार ने मनरेगा मज़दूरों को अतिरिक्त 12 रुपये देने का फैसला किया है। साथ ही उनका कहना है की यह मज़दूर वर्ग के हाथों में अधिक पैसा डालने और राज्य में मनरेगा योजना को मजबूत करने के लिए किया जा रहा है।

राज्य सरकार के मौजूद आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 वित्त वर्ष में झारखंड के अंदर 11.32 करोड़ मज़दूरों को मनरेगा के तहत रोज़गार मिला है।

वहीं दूसरी तरफ 2019-20 के वित्त वर्ष में सिर्फ 7 करोड़ मज़दूरों ने मनरेगा योजना का लाभ उठाया था।”

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आलम ने झारखंड में मजदूरी दरों को कम रखने के लिए केंद्र की आलोचना की।

उनका कहना है कि “हमने केंद्र सरकार को बहुत बार पत्र लिखा है और आग्रह किया है कि झारखंड के लिए न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़या जाना चाहिए।”

“लेकिन चालू वित्तीय वर्ष के दौरान इसे नाम मात्र रूप से 4 रुपये बढ़ाया गया था। यह देशभर के कई राज्यों की तुलना में काफी नीचे है।”

गौरतलब है कि देश में हरियाणा सरकार मनरेगा मज़दूरों को सब से ज्यादा 309 रुपए मज़दूरी देती है वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मनरेगा मज़दूरों को सब से कम मज़दूरी मिलती है।

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