MGNREGS: पिछले साल के मुकाबले इस साल मई में योजना के तहत मज़दूरों की संख्या में 17% का इजाफा

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अर्थव्यवस्था पर गहराते संकट के आसार अब आंकड़ों से साबित हो रहे हैं। कोरोनाकाल में अपने गांव लौटे बहुत से मजदूर अभी तक शहर वापस नहीं लौटे हैं, जिसका कारण शहर में उपलब्ध रोजगार में मंदी बताया जा रहा है।

ऐसे हालात में जीवनयापन करने के लिए लोग गांव में काम खोजने को मजबूर हैं। नरेगा पोर्टल से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि मई 2022 में 2.61 करोड़ मज़दूरों ने इस योजना के तहत काम किया है।

अप्रैल में आई गिरावट के बाद, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत काम की मांग में फिर से वृद्धि देखी गई है।

आधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण के अनुसार, पिछले साल के इसी महीने की तुलना में इस साल मई में देश भर में 2.22 करोड़ से 39 लाख अधिक मज़दूरों ने ग्रामीण रोजगार गारंटी के तहत काम की मांग की।

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यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 17.39 फीसदी अधिक है।

NREGS का लाभ उठाने वाले मज़दूरों की संख्या मई 2020 की तुलना में कम है, जब कोविड -19 की पहली लहर के समय लॉकडाउन लगाने के बाद प्रवासी मजदूर अपने गांवों में लौट आए, तो यह आकड़ा तेजी से बढ़कर 3.30 करोड़ हो गया था।

हालांकि, यह महामारी से पहले मई 2019 में 2.10 करोड़ मज़दूरों को रोज़गार का आंकड़े दर्ज किया गया है।

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21 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जिसमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम, गुजरात, तेलंगाना, पॉन्डिचेरी, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, लद्दाख, गोवा, अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप पिछले वर्ष के इसी महीने (1.05 करोड़ मज़दूर) की तुलना में मई 2022 (1.73 करोड़ मज़दूर) के दौरान NREGS का लाभ उठाने वाले मज़दूरों की संख्या में 68 लाख की संयुक्त वृद्धि दर्ज की गई।

बाकि के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, मेघालय, पंजाब, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ परिवारों की संख्या में 29 लाख की संयुक्त गिरावट दर्ज की गई।

जो कि पिछले साल के इसी महीने (1.17 करोड़ मज़दूर) की तुलना में मई 2022 (88.19 लाख मज़दूर) के दौरान NREGS का लाभ उठाया।

नरेगा में यूपी सब से आगे

उत्तर प्रदेश में NREGS के तहत काम तलाशने वाले मज़दूरों की संख्या में सभी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी गई। इस साल मई में, राज्य में 26.28 लाख मज़दूरों ने NREGS का लाभ उठाया, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 17.38 लाख या 195 फीसदी से अधिक है।

इसके बाद तमिलनाडु है, जहां 15.92 लाख की वृद्धि दर्ज की गयी है। पिछले साल मई में 17.17 लाख से इस साल 33.10 लाख दर्ज की गए है।

सबसे ज्यादा 9.10 लाख की गिरावट छत्तीसगढ़ में दर्ज की गई जहां 6.78 लाख परिवारों ने NREGS के तहत काम किया। जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 15.89 लाख था।

इसके बाद झारखंड है जहां पिछले साल के इसी महीने (9.57 लाख) की तुलना में मई 2022 (2.95 लाख) में NREGS के तहत 6.62 लाख कम मज़दूरों ने काम किया।

NREGS के तहत, प्रत्येक ग्रामीण मज़दूर, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का मजदूरी रोजगार पाने का हकदार है।

चालू वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 25 जून, 2022 तक 3.62 करोड़ मज़दूरों ने NREGS  के तहत काम की मांग की। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 7.26 करोड़ मज़दूरों ने योजना के तहत काम किया था।

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