वेतन वृद्धि की मांग कर रहे मज़दूर नेता को पुलिस ने उठाया, 600 मज़दूर गये हड़ताल पर

हरियाणा के भिवाड़ी  स्थित कॉनटिनेंटल इंजन के 600 मज़दूरों ने हड़ताल कर दिया है।

मज़दूरों ने बताया कि कंपनी लगातार कुछ न कुछ बहाने लगाकर कभी उनकी सैलरी तो कभी बोनस काट रही है।

अभी कंपनी में मज़दूरों के सैलरी इंक्रिमेंट को लेकर वार्ता चल ही रही थी कि, मज़दूरों के तरफ से कंपनी के साथ वार्ता कर रहे मज़दूर होशियार सिंह के लिय़े कंपनी ने गेटबंदी कर दिया।

जिसके बाद कंपनी गेट पर होशियार सिंह धरना पर बैठ गये और कंपनी के अंदर बाकि मज़दूरों ने भी काम रोक दिया है।

होशियार सिंह को कंपनी प्रबंधन के शिकायत पर फिलहाल पुलिस थाने ले गई हैं।

होशियार सिंह ने बताया कि पिछले एक साल से कंपनी प्रबंधन लगातार हर तरीके से मज़दूरों को परेशान कर रही है। पिछले साल मज़दूरों का 10 % वेतन काट लिया गया ,जिसे हमने हड़ताल कर वापस लिया। फिर हमारा बोनस काट लिया गया । मज़दूरों के भूख हड़ताल के बाद उनका बोनस उन्हें मिला। और अब जब मज़दूरों के वेतन वृद्धि का मामला आया तो कंपनी ने मेरे खिलाफ झूठे दस्तावेज बना कर मुझे कंपनी से निकाल दिया।

कंपनी की तरफ से होशियार सिंह को पकड़ाया गया पेपर

आज सुबह होशियार सिंह जब कंपनी पहुंचे तो प्रबंधन की तरफ से उन्हें एक पेपर पर साइन करने के लिये कहा गया। सिंह के मुताबिक पेपर पर यह लिखा था कि 5 साल पहले आपने जिस वर्क इक्सपीरियेंस के आधार पर कंपनी में आपको नौकरी मिली थी वो झूठा हैं।

सिंह का कहना है कि वेतन बढ़ोतरी के लिये मज़दूरों का पक्ष रखने के एवज में कंपनी उन्हें झूठे तरीके से बाहर निकालना चाहती है।

उन्होंने बताया कि पुरानी कंपनी में वो जिस ठेके के अंदर में काम करते थे,वो कुछ साल पहले ही बंद हो चुकी है ,फिर कंपनी को ये जानकारी कहां से मिली की मेरा वर्क इंक्सपीरियेंस गलत है।

सिंह का मानना है कि कंपनी नहीं चाहती कि मज़दूरों के बीच अपने हक के लिये एकता बन पाये। मज़दूरों के सवालों पर आगे आने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.