100 साल पहले स्पेनिश फ्लू की विश्व महामारी के कुछ समय बाद ही हुआ था जलियांवाला हत्याकांड

By आशीष सक्सेना जो हालात आज कोरोना वायरस के चलते हैं, उससे कहीं ज्यादा मुसीबत 100 साल पहले दुनिया और भारत ने झेली। इसके बावजूद उन्होंने आजादी के सपनों को मरने …

100 साल पहले स्पेनिश फ्लू की विश्व महामारी के कुछ समय बाद ही हुआ था जलियांवाला हत्याकांड पूरा पढ़ें

कोरोना के बहाने ‘तीसरा महायुद्ध’- भाग तीन

By आशीष सक्सेना मानवता के खतरे की बात की जाए तो विश्व महामारी कई बार आई और बड़ा नुकसान किया। इसके बावजूद जिंदगी की रफ्तार और इतिहास निर्माण जारी रहा। यही …

कोरोना के बहाने ‘तीसरा महायुद्ध’- भाग तीन पूरा पढ़ें
isilation ward for corona

कोरोना के बहाने ‘तीसरा महायुद्ध’ – भाग दो

By आशीष सक्सेना पहले भाग में हमने बताने की कोशिश की कि किस तरह साधारण लोगों की मौत का सच एक नए वायरस के खौफ में गुम है, जबकि उससे कहीं …

कोरोना के बहाने ‘तीसरा महायुद्ध’ – भाग दो पूरा पढ़ें
workers go fleeing curfew

कोरोना के बहाने ‘तीसरा महायुद्ध’ – भाग एक

By आशीष सक्सेना चार महीने पहले तक आर्थिक मंदी में डूबा विश्व, व्यापार युद्ध और जनांदोलनों की बयार। अचानक, एक नए संक्रामक वायरस से साम्राज्यवादी देशों में कुछ मौत ने दुनिया …

कोरोना के बहाने ‘तीसरा महायुद्ध’ – भाग एक पूरा पढ़ें
migrant worker
dr bhojraj singh epidemic expert scientist
corona in noida

इस महा विपदा में मोदी ने पल्ला झाड़ लिया, ख़त्म हो जाएंगी 2.5 करोड़ नौकरियां

By आशीष सक्सेना प्रधानमंत्री और कुछ बड़ी कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए जुबानी तौर भले ही नौकरी और वेतन के मसले पर आश्वासन दिया है या विचार कर रहे हैं। अलबत्ता, …

इस महा विपदा में मोदी ने पल्ला झाड़ लिया, ख़त्म हो जाएंगी 2.5 करोड़ नौकरियां पूरा पढ़ें
corona virus testing

कोरोना वायरस संक्रमण के किस चरण में है भारत? इटली की चिट्ठी पढ़कर खुद तय करिए

By ताबिश सिद्दक़ी ये ट्विटर थ्रेड (मैसेज शृंखला) है इटली के लोगों की… मैं इसे अपने हिंदी भाषी दोस्तों के लिए ट्रांसलेट कर रहा हूँ… पढ़िए और समझिये कि हमारा …

कोरोना वायरस संक्रमण के किस चरण में है भारत? इटली की चिट्ठी पढ़कर खुद तय करिए पूरा पढ़ें
workers at silwasa @Workersunity

मज़दूर वर्ग क्यों नहीं बन पाता इस देश का प्रमुख मुद्दा?

आज के दौर में मजदूर वर्ग की पहचान खतरे में है, मजदूरों की इसी बदतर स्थिति के बारे में प्रो. सरोज गिरी बताते है कि….एक समय था जब जवाहरलाल नेहरू, …

मज़दूर वर्ग क्यों नहीं बन पाता इस देश का प्रमुख मुद्दा? पूरा पढ़ें