गुजरात में बीजेपी जीती, हिमाचल में कांग्रेस, ‘आप’ की आंधी हवा

By शशिकला सिंह

आज गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे  आ गए हैं। हिमाचल प्रदेश में 68, गुजरात में 182 विधानसभा सीटें हैं।

गुजरात में बीजेपी, हिमाचल में कांग्रेस विजयी जबकि ‘आप’ को गुजरात में पांच सीटें मिली लेकिन हिमाचल में खाता भी नहीं खुला।

गुजरात चुनाव के नतीजों के अनुसार  बीजेपी ने 156, कांग्रेस ने 17, आम आदमी पार्टी ने पांच, समाजवादी पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल की है। तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में कामयाब रहे।

वहीं, हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों में से 40 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है और बाकि 25 सीटों पर भाजपा है। यहां भी तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीत चुके हैं।

हैरानी की बात यह है कि बड़े-बड़े वादे करने वाली आम आदमी पार्टी दोनों ही राज्यों में हवा हो गयी है।  गुजरात में आप को मात्र 5 सीटों पर ही मिली है और हिमाचल में एक भी नहीं।

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ज्ञात हो कि गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में वोटिंग हुई थी, जबकि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को सभी 68 सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुए थे।

पिछले 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावी नतीजों के मुताबिक बीजेपी को 99 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया था। हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने 44 सीटें जीतते हुए सरकार बनाई, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 21 सीटों पर ही जीत मिल सकी थी।

पार्टी नेताओं के बयान

देश के प्रधान मंत्री ने ट्विटर पर गुजरात जीत राज्य की जनता की धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा है कि “धन्यवाद गुजरात। अभूतपूर्व चुनाव परिणामों को देखकर मैं बहुत अधिक भावनाओं से अभिभूत हूं। लोगों ने विकास की राजनीति का आशीर्वाद दिया और साथ ही इच्छा व्यक्त की कि वे चाहते हैं कि यह गति और तेज गति से चलती रहे। मैं गुजरात की जन शक्ति को नमन करता हूं।”

गुजरात में हार के बाद राहुल गांधी ने कहा, हम गुजरात के लोगों का जनादेश विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं। हम पुनर्गठन कर, कड़ी मेहनत करेंगे और देश के आदर्शों और प्रदेशवासियों के हक़ की लड़ाई जारी रखेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर हिमाचल में जीत के बाद राज्य की जनता को धन्यवाद दिया है उन्होंने कहा, ”हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं का बहुत-बहुत धन्यवाद। हमारे सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का धन्यवाद। लोकतंत्र में हार-जीत होती है, गुजरात की जनता का जनादेश हम स्वीकार करतें हैं। हम अपनी विचारधारा से समझौता करे बिना, लड़ते रहेंगे और जो कमियाँ हैं उन्हें हम दूर करेंगे।”

आगे उन्होंने कहा कि” हमारे पर्यवेक्षक जा रहे है और वह तय करेंगे की राज्यपाल से कब मिलना है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रियंका गांधी को धन्यवाद देते हैं क्योंकि उनकी वजह से हम जीते हैं।”

आप की हार

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में दमखम के साथ चुनाव लड़ने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल नहीं हुई।

गुजरात में जरूर पहली बार ‘आप’ के 5 विधायक चुने गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सांसद राघव चड्ढा और तमाम विधायकों के दौरे और प्रचार अभियान के बावजूद गुजरात में ‘आप’ के मुख्यमंत्री उम्मीदवार इशुदान गड़वी और प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इठालिया अपनी सीट नहीं निकाल पाए।

वहीं हिमाचल में ‘आप’ को मुंह की खानी पड़ी है। यहां एक भी सीट आम आदमी पार्टी नहीं जीत सकी। पूरे राज्य में सिर्फ 1.10% वोट से ही संतोष करना पड़ा।

इस परिणाम के बाद भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि कानूनी तौर पर आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया है।

किसी भी राजनीतिक दल के लिए सिर्फ 10 साल में ऐसी उपलब्धि हासिल करना मामूली बात नहीं है। चुनाव में कोई भी हारा हो या जीता हो, सभी को अपने क्षेत्र में जनता की सेवा करनी है। जनता ने आज वोट नहीं दिया है, कल जरूर करेगी।

चुनावी  रैलियां

गौरतलब है कि पिछले 2017 चुनावों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन गुजरात के नतीजों को देखकर लग रहा है कि इसबार कांग्रेस के ऊपर हटे के बादल मंडरा रहे हैं।

ऐसा तब है जब राहुल गांधी पूरे देश ने भारत जोड़ो यात्रा कर हैं। अगर चुनाव प्रचारों की बात करें तो कांग्रेस ने बहुत काम रैलियां की है।

वहीं प्रधानमंत्री मोदी की 2022 में हो रहे विधानसभा चुनाव में रैलियां और जनसभाएं 2017 के चुनाव की तुलना में कुछ काम जरूर है लेकिन कोंग्रस से ज्यादा ही हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने 34 रैलियां की थीं।

जबकि इस बार उससे कम 31 रैलियों में ही पूरे गुजरात से संपर्क साधा है।

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हालांकि इस बार प्रधानमंत्री का 50 किलोमीटर का रोड शो जरूर चर्चा में बना हुआ है। सियासी जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का या 50 किलोमीटर का रोड शो बूस्टर रोड शो हो सकता है।

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