चुनावी कवरेज पर गए पत्रकार को प्रताड़ित करने के मामले में अधिकारियों को निलंबित करने की मांग

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न्यूज वेबसाइट जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश को चुनावी कवरेज के लिए जाने के दौरान एआरटीओ द्वारा उनकी टैक्सी गाड़ी अधिग्रहित किये जाने के दौरान की गई अभ्रदता व पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने के ख़िलाफ़ हलद्वानी में 9 फरवरी को दर्जनों पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता एकत्रित हुए।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रविन्द्र गढ़िया, उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता डीएस मेहता, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार आदि के साथ हल्द्वानी पहुंचे अजय प्रकाश ने बताया कि वह एनसीआर के निवासी हैं तथा न्यूज बेबसाइट जनज्वार डॉट कॉम के संपादक हैं।

अपने 3 दिवसीय चुनावी कवरेज के लिए भ्रमण हेतु रुद्रपुर से एक टैक्सी शिफ्ट डिजायर सं. यू के 06 टी ए 5271 को किराए पर लेकर सर्वप्रथम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह की धामी की विधानसभा क्षेत्र खटीमा की चुनावी कवरेज के लिए अपने सहयोगी अंकित गोयल के साथ निकले थे।

7 फरवरी को दिन में 1 बजे पुल भट्टा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रिलायंस पैट्रोल पंप के पास पहुंचने पर अचानक एआरटीओ विपिन कुमार सिंह ने उनकी टैक्सी को रोक लिया तथा कागज चेक कराने के लिए कहा। कागज देखने के बाद एआरटीओ बिपिन कुमार सिंह ने कागज जब्त कर लिए और कहा कि तुम्हारी गाड़ी विधानसभा चुनाव के लिए अधिग्रहित की जा रही है। इतना ही नहीं एआरटीओ महोदय ने गाली-गलौज करते हुए चालक को जेल में डालने की धमकी देते हुए, अजय प्रकाश तथा अंकित गोयल को जबरन गाड़ी से उतार दिया और कहा कि ये गाड़ी चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहित कर ली गयी है।

अजय कहते हैं, “मेरे द्वारा निवेदन करने पर कि मैं उत्तराखंड में 3 दिन के सीमित समय के लिए चुनावी कवरेज के लिए आया हूं तथा खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, लालकुआं, हल्द्वानी, कालाढूंगी रामनगर व सल्ट आदि विधानसभा क्षेत्र में चुनावी कवरेज का मेरा व्यस्त कार्यक्रम है। हमारी गाड़ी यहां पर अचानक इस तरह से राह चलते जब्त करने से हमारा पूरा चुनावी कवरेज बाधित हो जाएगा। इस दौरान मैंने उन्हें अपना जनज्वार के सम्पादक का परिचय पत्र भी दिखाया। इसके बावजूद भी एआरटीओ महोदय विपिन कुमार सिंह ने मेरे साथ गाली-गलौज करते हुए, मौके पर थानाध्यक्ष राजेश पांडे व अन्य पुलिस कर्मियों को बुला लिया।”

अजय प्रकाश के मुताबिक एआरटीओ विपिन कुमार सिंह ने थानाध्यक्ष राजेश पांडे के साथ मिलकर तीनों का मोबाईल फोन छीन लिया। इसके बाद सभी को जबरन पुलिस जीप में डालककर पुल भट्टा थाना ले गये। वहां पर हम तीनों को एक कमरे में लगभग 9 घंटे के लिए बंद कर दिया गया।

पत्रकार अजय का आरोप है कि “शाम को 6 बजे तक एआरटीओ महोदय बिपिन कुमार सिंह अपनी ड्यूटी छोड़कर पुलभट्टा थाने में ही बैठे रहे। वहां पर थानाध्यक्ष राजेश पांडे ने हमारी बात सुनने से ही इंकार कर दिया तथा हमारे साथ दुर्व्यवहार भी किया। एआरटीओ के जाने के बाद बड़ी मिन्नतों से सायं लगभग 6 बजे हमें फोन वापस दिये गये। रात्रि में हमें बताया गया कि तुम्हारे खिलाफ भादसं की दफा 186,188,269,270,353 व आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 56 में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मेरा नाम पता व पत्रकार का पेशा जानने के बाबजूद भी एफ.आई.आर में जानबूझकर मेरा तथा मेरे सहयोगी अंकित गोयल का पता गलत दर्ज किया गया और रात्रि लगभग 10 बजे हमें दफा 41 का नोटिस देकर  छोड़ दिया गया। रात्रि में जैसे-तैसे हमने रुद्रपुर पहुंचकर अपने एक परिचित के घर पर शरण ली।”

गौरतलब है कि एआरटीओ विपिन सिंह व पुलभट्टा के थानाध्यक्ष राजेश पांडे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारिता पर हमला करते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता को बाधित किया है। राह चलते किसी पत्रकार या व्यक्ति को उसके गन्तव्य तक जाने से रोकना न केवल गैर कानूनी है बल्कि देश के नागरिकों के संविधान प्रदत्त अधिकारों का भी उल्लंघन है।

अजय प्रकाश ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि एआरटीओ विपिन कुमार सिंह के खिलाफ पत्रकार की कवरेज को बाधित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही टैक्सी को सीज करने व थानाध्यक्ष राजेश पांडे के साथ मिलकर दिन भर थाने में बैठाए रखकर, चुनावी कवरेज से रोकने व प्रताड़ित किए जाने के लिए उन्हें तुरंत निलंबित कर, उनके खिलाफ विभागीय जांच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए, पुलभट्टा थाना जिला ऊधमसिंहनगर (उत्तराखंड) में दर्ज फर्जी एफ.आई.आर सं. 0024/2022 को अबिलम्ब वापस लिया जाए, उचित निर्देश जारी कर सुनिश्चित किया जाए कि पत्रकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे वाहनों व किसी भी सवारी या नागरिक को गन्तव्य तक पहुंचाने के दौरान किसी भी यात्री के आवागमन में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई रुकावट न डाली जाए, यह सुनिश्चित किया जाए प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता बिना किसी बाधा के पूरी की जा सके।

प्रेस वार्ता के दौरान समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार ने कहा कि एआरटीओ की गुंडागर्दी के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत की गई है। एआरटीओ द्वारा सड़क पर गाड़ियां जबरन रोककर चालकों के साथ बदतमीजी की जा रही है। आचार संहिता की आड़ में प्रशासन गुंडई पर उतारू है।

उन्होंने एआरटीओ व थानाध्यक्ष की निलंबित कर पीड़ित पत्रकार के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने व प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रविन्द्र गढ़िया ने इसे मीडिया पर हमला बताते हुए कहा कि अधिग्रहण के लिए कानूनन गाड़ी मालिक को लिखित में नोटिस दिया जाना चाहिए। इस प्रकार की कार्यवाही सरकारी काम की आड़ में गुंडागर्दी है। इसका विरोध करने पर मुकदमा लगाया जा रहा है। इस मामले में भी आठ घण्टे तक पत्रकार को बिना किसी एफआईआर के थाने में अवैध हिरासत में रखा गया।

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