बेलसोनिका में काम करने वाले मज़दूर ने लगाई फांसी, पीछे छोड़ गया चार साल का मासूम

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/06/Birju-suicide-bellsonica-worker-final.jpg

मानेसर बेलसोनिका के एक मज़दूर ने बीते नौ जून को एक पेड़ से लड़कर फांसी लगा ली। धारुहे़ड़ा पुलिस के मुताबिक मज़दूर का नाम बिरजू है और वो राजस्थान के टौंक ज़िले का निवासी था।

बिरजू के जेब से एक पर्ची बरामद हुई है जिसमें भाई के नंबर लिखे थे। इसके अलावा कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।

बिरजू के एक बच्ची और उनकी पत्नी गर्भवती हैं। पिता नहीं हैं और घर का पूरा भार इन्हीं के ऊपर था।

बिरजू के साथ कंपनी में काम करने वाले वर्करों ने बताया कि वो पिछले कुछ समय से तनाव में चल रहे थे। घर वालों ने भी बताया कि बिरजू ने एक जून को कहा था कि कंपनी में हड़ताल की वजह से लाइन बंद थी तो लाइन मैनेजर ने वीडियो बना ली और अब उसकी नौकरी चली जाएगी।

हालांकि 24 घंटे बाद हड़ताल ख़त्म हो गई थी और समझौते में किसी भी वर्कर पर कोई कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया था मैनेजमेंट ने।

सीसीटीवी से पता चला कि वो आठ जून को शाम को कमरे से निकल चुके थे। फिर नौ जून को दोपहर में पुलिस की ओर से कंपनी में फोन गया तब इसकी सबको जानकारी हुई ।

उनके एक दोस्त ने बताया कि वो अपनी पत्नी और एक बच्ची के साथ धारूहेड़ा में किराए के मकान पर रहते थे और कंपनी में मेंटेनेंस के लिए शट डाउन होना था तो पत्नी और बच्चे के साथ घर जाने वाले थे।

लेकिन अचानक दो दिन पहले पत्नी को समझा बुझाकर घर छोड़ आए। इसके बाद उन्होंने संभवतया एक दो दिन कंपनी में काम भी किया। फांसी लगाने से पहले उन्होंने अपने सारे डाक्युमेंट, प्रापर्टी के कागज, कंपनी के कागज की फोटो अपने भाई और पत्नी को भेज दिया। अपने मोबाइल के सारे पासवर्ड भी हटा दिए।

नौ जून को अपने कमरे से फांसी के लिए रस्सी ले जाने वाले थे लेकिन उसे वहीं छोड़ दिया और अपने साथ गमछा ले गए। इसके अलावा कंपनी की वर्दी को एक पॉलीथीन में ले गए थे। पॉकेट में आधार कार्ड रखा था।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस तरह पेड़ पर चढ़ने के लिए जूते उतारे, अलग झोले में कंपनी की वर्दी रखी थी और जेब में संबंधितों के नंबर लिखी पर्ची व आधार कार्ड रखे थे, उससे इसके कारणों के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है।

बिरजू के दोस्त रजिंदर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि बिरजू का किसी से भी कोई झगड़ा नहीं था। ना ही वो बहुत ज़्यादा उधारी में भरोसा रखते थे। पत्नी से भी उनके अच्छे रिश्ते थे। घर में भी उनके रिश्ते ठीक थे।

रजिंदर ने किसी भी आर्थिक या सामाजिक कारण से इनकार किया और कहा कि, “अभी तक किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि इतने होनहार लड़के के सुसाइड का कारण क्या है?”

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/03/Bellsonica-tool-down.jpg

नौकरी का तनाव हो सकता है कारण

नाम न ज़ाहिर करते हुए बिरजू के एक दोस्त ने आसंका जताई थी कि पिछले कई महीनों से कंपनी में छंटनी की तलवार लटक रही थी और पिछले दिनों अपनी मांगों को लेकर मज़दूरों ने असेंबली लाइनें भी बंद कर थीं। इसका वीडियो बना लिया गया था और बिरजू को लगातार भय सता रहा था कि कहीं उन पर कार्रवाई तो नहीं होगी?

वो कहते हैं, “बिरजू  बार बार यही कहते थे कि लाइन सुपरवाइज़र ने वीडियो बना लिया है और अब वे कार्रवाई करेंगे।”

उनके अनुसार- ‘बिरजू ने बताया था कि लाइन सुपरवाइज़र ने उनका वीडियो बना लिया था और फ़ोन करके बोला था कि यहां से चला जा वरना पुलिस आएगी तो तुम भुगतना।’

उसके दोस्तों ने बताया कि इस बात से बिरजू काफ़ी दहशत में दिख रहा था।

इस बारे में बिरजू को दोस्तों मित्रों ने काफ़ी समझाया लेकिन वो अपनी नौकरी को लेकर भारी तनाव में आ गए थे।

उस दौरान हर वर्कर तनाव में था और हरेक के घर में भी तनाव बना हुआ था कि अगर नौकरी चली गई तो कैसे रोजी रोटी चलेगी।

पिछले काफ़ी समय से मैनेजमेंट और यूनियन के बीच तनाव और विवाद चल रहा है। इसमें मैनेजमेंट की ओर से कई मज़दूरों को नोटिस देना, आंतरिक जांच बिठाना, दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान फर्जी करार देना, छंटनी करने की धमकी देना आदि विवाद चल रहे थे। इसे लेकर भी वर्करों में काफ़ी तनाव चल रहा था।

हालांकि बिरजू परमानेंट वर्कर थे और उनपर किसी तरह की कार्रवाई, नोटिस या अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई थी।

हालांकि इस सुसाइड को लेकर जांच पड़ताल जारी है। आधिकारिक रूप से अगर कोई नतीजा आता है तो इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा।

ये भी पढ़ेंः-

र्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

(वर्कर्स यूनिटी के फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर सकते हैं। टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.