दिल्ली में हो रहे वी-20 कार्यक्रम को दिल्ली पुलिस ने परमिशन के बिना पर रुकवाया

दिल्ली में अगले महीने होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार पूरा ज़ोर लगा रही है। इसके चलते दिल्ली में आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों को प्रशासन द्वारा स्थगित कराया जा रहा है।

बहुत सी जगहों से हॉकर्स और स्ट्रीट वेंडर्स को हटाया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को दिल्ली में आयोजित ‘We-20 : ए पीपल समिट’ कार्यक्रम को दिल्ली पुलिस ने बंद करा दिया।

जिस समय पुलिस पहुंची हॉल के अंदर कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश और जेडीयू के सांसद अनील हेगड़े मौजूद थे।

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को भी कार्यक्रम में शामिल होना था और वो किसी तरह पुलिस को चकमा देकर भीतर पहुंचीं।

जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा कि वी, द पीपुल (हम भारत के लोग) का प्रतिनिधित्व करने वाले एक्टिविस्टों द्वारा आयोजित वी20 की मीटिंग में भाग लेने से लोगों को दिल्ली पुलिस रोक रही है. यह बेहद आश्चर्यजनक है।

उन्होंने कहा कि सीपीएम से जुड़ी एक बिल्डिंग में यह बैठक पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। सड़क पर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई शुरू होने से पहले मैं सुबह 10:30 में प्रवेश करने में कामयाब रहा लेकिन अब बाहर निकलने में कठिनाई हो रही थी। यह न्यू इंडिया डेमोक्रेसी है।”

कार्यक्रम के आयोजनकर्ता जो एथियाली ने बताया कि दिल्ली में एचकेएस सुरजीत भवन में 18-से 20 अगस्त तक तीन दिवसीय We-20 नाम की एक बैठक का आयोजन किया गया था।

लगभग 30 पुलिसकर्मी शनिवार तड़के ‘वी20 पीपल्स समिट’ के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और लोगों को यह कहते हुए वहां प्रवेश करने से रोक दिया कि आयोजकों के पास कार्यक्रम के लिए “अनुमति” नहीं थी। उन्होंने बाहर से गेट बंद कर दिया।

आयोजकों ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने अंदर इकट्ठा हुए कुछ लोगों को बाहर जाने के लिए भी कहा।

जो ने बताया कि जो लोग पहुंच गए थे, उनके साथ शनिवार को सम्मेलन जारी रखा गया। बैठक में 250 के करीब लोग मौजूद रहे। हालांकि पुलिसवालों ने किसी नए सदस्य को बैठक में जाने से रोक दिया।

लेकिन रविवार को इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया। आयोजकों ने कहा कि सुरजीत भवन में वी-20 कार्यक्रम को जारी रखने के लिए दिल्ली पुलिस ने परमिशन को रद्द कर दिया।

बयान के अनुसार, “पुलिस ने कार्यक्रम स्थल के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया है और बैरिकेड लगा दिए हैं। लोकतांत्रिक अधिकारों को नियंत्रित करने का ये एक और उदाहरण है और जैसा अग्रणी एक्टिविस्ट और नेता कह चुके हैं, ये देश को एक पुलिस स्टेट में बदलने की कोशिश है।”

आयोजकों ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए 20 अगस्त को होने वाले पूरे दिन के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है और केवल घोषणा पढ़ी जाएगी।

आयोजकों का कहना  है कि यह शिखर सम्मेलन G20 के संदर्भ में लोगों के मुद्दों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा करने के इरादे से बुलाया गया था। इसमें 70 से अधिक जन आंदोलनों, ट्रेड यूनियनों और नागरिक समाज संगठन हैं।

आयोजकों का दावा है कि इसमें देश भर से 500 से अधिक अर्थशास्त्री, कार्यकर्ता, पत्रकार और राजनेता हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे थे।

शनिवार को जब We-20 सम्मेलन शुरू हुआ तो वक्ताओं ने G- 20 के मेजबान के रूप में भारत के विशाल “51 करोड़ रुपये” आउटडोर विज्ञापन बजट पर सवाल खड़ा किए गए।

वक्ताओं ने कहा कि शहरों को सुंदर दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर गरीबों की झुग्गी झोपड़ियों और घरों पर बुलडोज़र चलाए गए और कुछ जगहों पर तो उनके घरों को छुपाया गया जैसे कि नोएडा में।

वक्ताओं ने कहा कि जिन शहरों में जी20 की बैठकें होने वाली हैं, वहां ग़रीबों के घरों पर बुलडोजर चला दिया गया और हज़ारों लोग बेघर हो गए। 

(कॉपीः एसके सिंह)

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