मज़दूरों पर केमिकल की बारिश को ‘जायज’ ठहरा रहे बरेली के डीएम

workers go fleeing curfew

लॉकडाउन में दरबदर हो चुके मजदूरों को अपनी चौखट लेना भी राज्य मशीनरी ने मुश्किल कर दिया है। ढीठता की हद ये है कि मजूदरों से अमानवीय बर्ताव के बाद उसे जायज ठहराने की भी कोशिश हो रही है।

उत्तरप्रदेश के बरेली शहर में इतवार के दिन वहां गुजरने वाले मजदूरों को खतरनाक सैनेटाइजर केमिकल से नहला दिया गया। फायर ब्रिगेड के वाहन के पंप की तेज धार से उनके ऊपर केमिकल फेंका गया।

केमिकल की जलन से बच्चे रोने लगे और मजदूर बेचैन हो गए। कई की तबीयत खराब हो गई तो उन्हें जिला अस्पताल लेे जाया गया। वो भी तब, जब मीडिया में ये बात उजागर हुई।

आम लोगों ने इस पर सोशल मीडिया के जरिए बरेली प्रशासन को लताड़ा तो जवाब में डीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कर्मचारियों के अति सक्रिय होने का हवाला देकर जांच के निर्देश देने की बात कही।

बात इतने पर ही संभल जाती, लेकिन योगी सरकार के प्रशासनिक ढांचे हठधर्मिता का परिचय देना शुरू कर दिया। डीएम ने इसी मामले पर दूसरा ट्वीट किया, कि गु्रप सैनेटाइजेश के लिए कई दूसरे देशों में भी इस तरह ही किया जा रहा है।

हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि किन देशों में ऐसा किया जा रहा है। प्रशासन के रवैये और सरकार की नीमहकीमी से मजदूरों में गुस्सा पनप रहा है। मजदूरों को राहत देना तो दूर, उनकी बची खुची जान को भी जोखिम में डाला जा रहा है।

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