विज्ञान की बुनियाद पर समझें, कोरोना महामारी से मजदूरों को कितना डरना चाहिए- भाग 3

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By आशीष सक्सेना

डॉ.बीआर सिंह कहते हैं कि इसका अभी पुख्ता दावा नहीं किया जा सकता, लेकिन ऐसा भी लग रहा है कि वायरस का संक्रमण महज किसी के छू जाने से नहीं हो रहा। ऐसा होता तो लाखों मजदूरों का सड़क पर रेला क्या कर सकता था। अभी तक इतने लोगों के बीच से कोई केस तक सामने नहीं आया, जिसका संज्ञान लिया जा सके।

इसी तरह शहर और कस्बों में सब्जी, दूध, रसोई गैस आपूर्ति करने वाले अधिकांश लोग बिना बचाव उपकरणों के रोज ही घर-घर पहुंच रहे हैं, लेकिन संक्रमण फैल जाने का सिलसिला कहीं नहीं दिख रहा।

यानी अगर संक्रमण फैल भी रहा है तो वह इस स्थिति में तो नहीं है कि लोगों श्मशान घाट पहुंचा दे रहा हो। इस बात को इससे भी समझा जा सकता है कि जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो हर दुकान और बाजार में भीड़ टूट पड़ी, इसके बावजूद संक्रमण नहीं फैला।

इससे यही साबित होता है कि केवल भीड़ या घनी आबादी या छू जाने से संक्रमण होना या फिर संक्रमण से जान का खतरा पैदा नहीं हो रहा है। इसके उलट संक्रमण से जूझ रहे देशों में देखा जा रहा है कि छितराई आबादी होने के बावजूद लोग गंभीर हो गए।

इसका कारण संभवत: यही है कि वहां कुछ ऐसा हुआ, जिससे लोग एक दूसरे के साथ ज्यादा समय तक रहे। जैसे यूरोप में एक चर्च का कार्यक्रम कई दिन चला, इटली में फुटबॉल मैच कई दिन चला। इसी तरह भारत में तब्लीगी जमात के लोगों को एकसाथ कई दिनों तक रहना भी कारण हो सकता है।

कई धार्मिक आयोजन इस ओर इशारा करते हैं और झुठलाते भी हैं। जैसे इन्हीं दिनों में हिंदू धर्म की बड़ी शोभायात्रा के बाद भी बहुत केस न आना या फिर अगर संक्रमण हुआ भी है तो उसमें अधिकांश युवाओं की भागीदारी होने से संक्रमण कोई गंभीर खतरा पैदा नहीं कर सका।

चीन ने पिछले दिनों ऐसे केस के बारे में जानकारी साझा की है कि काफी लोग संक्रमित पाए गए हैं, जिनके अंदर कोई लक्षण भी नहीं है।

डॉ.बीआर सिंह का कहना है कि फिलहाल तो ये भी संभावना है कि कोविड-19 के एक से ज्यादा वायरस भी हो सकते हैं, क्योंकि संक्रमित होने के लक्षण समान नहीं हैं या फिर दोबारा संक्रमण के भी केस आ रहे हैं।

लेकिन ये कोई डरने की बात नहीं है। एक बार संक्रमित होने वाला व्यक्ति ढाल बन जाता है, इसलिए वायरस संक्रमण की सीमा बन जाती है। अगर अस्सी प्रतिशत संक्रमित हो भी जाएं तो उसके बाद संक्रमण थम जाता है।

वे कहते हैं कि अब सूचनाओं का युग है इसलिए दुनिया में संक्रमण और मौत का आंकड़ा अपडेट हो रह है, जिसको सभी देख रहे हैं।

क्रमश: जारी…..

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