आत्मनिर्भर भारत योजना से अब मालिकों को नहीं देना होगा अपने कर्मचारियों का पीएफ़ हिस्सा

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उत्तराखंड सरकार ने रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के  प्रदेश भर में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना लागू कर दी है।

इसके तहत 1 अक्टूबर 2020 के बाद से नई नौकरी शुरू करने वाले श्रमिक कर्मचारी का पीएफ का हिस्सा 2 साल तक केंद्र सरकार जमा कराएगी।

इसमें नियोक्ता(कंपनी) को भी राहत दी गई है 15000 से कम आय वाले कर्मचारी लाभ के दायरे में आएंगे।

शुक्रवार को जीएमएस रोड,देहरादून स्थित ईपीएफओ कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने योजना की जानकारी दी उन्होंने बताया की योजना 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक प्रभावी रहेगी।

इस समय अवधि में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को योजना का लाभ मिलेगा और साथ ही साथ सरकार ये रियायत कंपनियों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से सब्सिडी के रूप में देगी।

हालांकि सरकार ने इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्ते भी रखी है।

जैसे कंपनी के लिए यह शर्ते रहेंगी की :

. कंपनी में 30 सितंबर 2020 के बाद नए कर्मचारी नौकरी पर रखे गए हो

. सितंबर 2020 में 50 से कम कर्मचारी है तो उसके बाद कम से कम 2 नए कर्मचारी नौकरी पर रखने होंगे

. सितंबर 2020 में 50 से ज्यादा कर्मचारी हैं तो उसके बाद कम से कम 5 नए कर्मचारी नौकरी पर रखने होंगे

. जो कंपनी ईपीएफओ में नया पंजीकरण कराएंगे उनके सभी कर्मचारी लाभ के दायरे में आएंगे कंपनी में 1000 से कम कर्मचारी होने पर कंपनी के पीएफ का हिस्सा भी सरकार देगी लेकिन 1000 कर्मचारियों से ज्यादा होने पर कंपनी को लाभ नहीं मिलेगा

जबकि  कर्मचारियों के लिए ये  शर्तें रहेंगी की:

. कंपनी का ईपीएफओ  में पंजीकरण हो

. 1 अक्टूबर 2020 के बाद नौकरी शुरू की हो

. कोरोना काल में 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच नौकरी छोड़ी हो और 1 अक्टूबर 2020 के बाद नौकरी शुरू की हो

 . 1 अक्टूबर 2020 से 30 जून 2021 तक  नौकरी शुरू की हो

 . वेतनमान ₹15000 से कम हो

 . जिन कंपनियों में 1000 से कम या ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है वहां कर्मचारी के पीएफ का हिस्सा सरकार वहन करेगी

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