वेतन दिलाने गई मज़दूर नेत्री नवदीप कौर को गिरफ़्तार कर जेल भेजा, पुलिस पर टॉर्चर करने का आरोप

navdeep kaur sonipat Kundali

हरियाणा के कुंडली क्षेत्र से गिरफ़्तार मज़दूर नेत्री नवदीप कौर के साथियों ने हरियाणा पुलिस पर टॉर्चर करने के आरोप लगाए हैं।

संगठन ने हरियाणा पुलिस पर संगीन आरोप लगाया है कि नवदीप के शरीर और अन्य प्राईवेट पार्ट्स पर गंभीर चोटें आई हैं और पुलिस ने उनका मेडिकल तक नहीं कराया। 13 जनवरी को नवदीप को 14 दिन के न्यायिक हिरासत पर करनाल जेल भेज दिया गया।

आरोप है कि पुलिस ने 12 जनवरी की रात कस्टडी में नवदीप को टॉर्चर किया, जबकि महिला पुलिस मौजूद नहीं थीं।

सिंघु बॉर्डर पर जहां ऐतिहासिक किसान आंदोलन चल रहा है, वहां पास ही कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में मज़दूरों के बकाया वेतन के लिए संघर्ष कर रही मज़दूर नेता नवदीप कौर पर हत्या की कोशिश और उगाही समेत कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं।

मज़दूर अधिकार संगठन (एमएएस) से जुड़ी नवदीप कौर ने 12 जनवरी को उन मज़दूरों को लेकर फ़ैक्ट्री गई थीं जिनकी सैलरी बकाया थी और कंपनी पैसे देने से इनकार कर रही थी।

एमएएस ने बयान जारी कर कहा है कि पुलिस ने मज़दूरों और नवदीप कौर के साथ हाथापाई की और उसी दौरान पुलिसकर्मियों को हल्की फुल्की चोट आई, जिसे हत्या की कोशिश में बदल दिया गया।

कुंडली थाने के एक पुलिस अधिकारी ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि इस घटना में एसएचओ का सिर फूट गया और एक सिपाही के पैर में चोट आई थी, जिनका मेडिकल कराया गया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब नवदीप कौर को पुलिस थाने में बंद किया गया तो क़रीब 50 मज़दूर उसे छुड़ाने वहां पहुंचे जिसके बाद उसे पुलिस ने अज्ञात जगह पर भेज दिया।

एमएएस का कहना है कि नवदीप के साथ कुछ और लोगों को भी गिरफ़्तार किया गया है।

बीते कुछ सालों से मज़दूर अधिकार संगठन, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री के सताए हुए मज़दूरों की मदद कर रहा है और मज़दूरों के हक़ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

संगठन ने अपने बयान में कहा है कि सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में भी नवदीप कौर और उनके साथी लगातार शामिल रहे थे और साथ ही मज़दूरों की समस्या को हल कराने की कोशिशों में भी जुटे थे।

ताज़ा घटना दो जनवरी की पृष्ठि भूमि में हुई है, जब अपना बकाया वेतन देने की मांग को लेकर फ़ैक्ट्री गेट पर पहुंचे तो फ़ैक्ट्री के बाउंसरों और मज़दूरों के बीच झड़प हुई।

इस घटना का एक वीडियो सामने आया है। कहा जा रहा है कि इस दौरान गोली भी चली थी।

संगठन के कार्यकर्ताओं के अनुसार, दो जनवरी को जब इस घटना की शिकायत कुंडली थाने पर की गई तो पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की और उल्टे नवदीप कौर और कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर लिया।

पुलिस पर आरोप है कि उसने बाउंसरों की ओर से चलाई गोली का संज्ञान नहीं लिया और सबूत का हवाला देते हुए उनको छोड़ दिया।

संगठन का आरोप है कि, लेकिन 12 जनवरी को जब फिर मज़दूर फ़ैक्ट्री गेट के सामने जाकर बकाया वेतन की मांग उठाने लगे तो मौके पर पहुंची पुलिस ने सीधे लाठी चार्ज कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वहां पुलिस ने खुद हवाई फ़ायर किया और महिला प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की जिसमें महिलाओं के कपड़े फट गए।

इसके बाद पुलिस ने नवदीप कौर और कुछ अन्य प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार कर लिया।

संगठन के सदस्यों का कहना है कि चूंकि मज़दूर किसान आंदोलन में लगातार शिरकत कर रहे हैं और अपनी भी आवाज़ उठा रहे हैं, सरकार पूरी तरह डरी हुई है और इस तरह की प्रताड़ना से लोगों की आवाज़ दबा रही है।

कई मज़दूर संगठनों ने नवदीप कौर की गिरफ़्तारी की निंदा की है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।

पुलिस की भूमिका

घटना के दिन वर्कर्स यूनिटी के संवाददाता को कुंडली थाने में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नवदीप कौर और उनके साथ के लोगों ने पुलिस पार्टी पर हमला किया था।

पुलिस अधिकारी का कहना था कि ये लोग बकाया वेतन दिलाने के नाम पर कुंडली क्षेत्र में कंपनियों से वसूली का काम करते हैं।

जब पुलिस अधिकारी से पूछा गया कि दो जनवरी की घटना पर शिकायत क्यों नहीं दर्ज की गई तो, इसबात का उनके पास कोई जवाब नहीं था।

पुलिस अधिकारी ने खुद बताया कि कुंडली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी रखता है जिसके गार्डों की गाड़ियां पूरे इलाके में पेट्रोलिंग करती हैं और इन मज़दूरों के साथ उनका संघर्ष होता रहता है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि मज़दूरों ने पुलिस पार्टी पर हमला कर आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया जिसके बाद उस पर पुलिस केस दर्ज किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो महीनों में थाने में मज़दूरों की ओर से एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई है जबकि फ़ैक्ट्री मालिकों की ओर से अबतक पांच एफ़आईआर दर्ज की जा चुकी है।

दिलचस्प बात ये है कि कुंडली क्षेत्र में लॉकडाउन के बाद बकाया सैलरी को लेकर कंपनियों और मज़दूरों के बीच तनाव की लगातार ख़बरें आ रही हैं और दो जनवरी की घटना इसकी बानगी है, लेकिन पुलिस ने अभी तक एक भी शिकायत दर्ज नहीं की।

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