LHMC और SSK हॉस्पिटल के बर्खास्त ठेका कर्मचारियों को मिली बड़ी जीत, कार्य बहाली का प्रोसेस शुरू

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और श्रीमति सुचेता कृपलानी अस्पताल के बर्खास्त ठेका कर्मचारियों को बड़ी जीत मिली है। सभी कर्मचारी पिछले 6 महीने से कार्य बहाली की मांग को लेकर AICCTU के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे थे।

AICCTU के फेसबुक पेज के मिली जानकारी के मुताबिक अब बर्खास्त कर्मचारियों के लिए दोबारा नौकरी करना संभव है। बीते बुधवार को LHMC और SSK हॉस्पिटल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर द्वारा एक पत्र जारी किया गया है जिसमें अस्पताल में होने वाली नई भर्तियों का विवरण दिया गया है।

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आप को बात दें कि LMPC ने कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की नई भर्तियों के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को शुरू किया है। यह प्रक्रिया 22 सितंबर से 24 सितंबर तक 11 बजे से दोपहर 3 बजे की जाएगी। एडवाइजरी सेल पूरे प्रोसेस की मॉनिटरिंग करेगा।

उम्मीदवारों को हस्ताक्षर और रिज्यूम, कैंसल चेक बुक, पैन कार्ड, जन्मतिथि समेत आधार कार्ड की कॉपी, 2 स्मॉल फोटो, पुराना UAN नंबर या ईपीएफ के लिए फॉर्म 11, पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट, ESIC फॉर्म (यदि हो तो उसकी कॉपी), 10वीं कक्षा की ओरिजनल मार्कशीट लेकर पहुंचना होगा। हॉस्पिटल में काम करने वाला मल्टी टास्क स्टाफ के मज़दूरों की भर्तियां की जाएगी।

बर्खास्त कर्मचारियों को दी जायगी प्राथमिकता

ध्यान देने वाली बात यह है कि इन भर्तियों में बर्खास्त किये गए कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जायगी।

AICCTU दिल्ली यूनिट के सचिव सूर्य प्रकाश का कहना है कि LHMC और SSK हॉस्पिटल के ठेका कर्मचारियों और यूनियन के लिए यह एक बड़ी जीत है। अब नई भर्तियों में बर्खास्त ठेका कर्मचारियों को पहले नौकरी दे जायगी।

गौरतलब है कि कोरोना काल में कोविड मरीजों (Covid Patients) को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं देने के लिए कर्मचारियों की भर्ती की गई थी। दिल्‍ली ही नहीं आसपास के कई अस्‍पतालों में सैकड़ों की संख्‍या में कर्मचारियों को ठेके पर नियुक्ति दी गई थी लेकिन अब कोरोना के मामले कम होने लगे तो इन कर्मचारियों को निकाला दिया गया।

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नौकरी से निकाले जाने के विरोध में कर्मचारियों अप्रैल 2022 से दिल्‍ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (Lady Hardinge Medical College) के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। 31 मई को मज़दूरों की मांगों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट और श्रम कोर्ट ने कर्मचारियों के काम से निकाले जाने को गैर-कानूनी ठहराया था और आदेश दिया था कि कर्मचारियों को जल्द बहाल किया जाए।

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