या तो बंदूक या बेड़ी, सबकुछ या कुछ भी नहीं, हम सब या कोई नहीं! -बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता
गुलाम, कौन आजाद करेगा तुम्हें? वे जो गहरे अँधेरे में पड़े हैं कॉमरेड, केवल ये ही आपको देख सकते हैं केवल वे ही आपको रोते हुए सुन सकते हैं कॉमरेड, …
या तो बंदूक या बेड़ी, सबकुछ या कुछ भी नहीं, हम सब या कोई नहीं! -बर्तोल्त ब्रेख्त की कविता पूरा पढ़ें