आठ दिसम्बर के भारत बंद को 14 विपक्षी दलों और 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का समर्थन

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पिछले 10 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर घेरा डाले किसानों को उस समय एक और बड़ी सफलता मिली जब उनके समर्थन में प्रमुख विपक्षी पार्टियां, ट्रेड यूनियनें और ट्रांसपोर्ट यूनियनें भी आ गईं।

ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोआर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) के आह्वान पर 8 दिसम्बर को बुलाए गए भारत का कांग्रेस समेत 14 प्रमुख विपक्षी दलों ने समर्थन देने का ऐलान किया है।

इन राजनीतिक दलों में आम आदमी पार्टी, डीएमके, समाजवादी पार्टी, माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), टीआरएस, टीएमसी, राजद, अकाली दल, एनसीपी, ओवैसी की पार्टी और कश्मीर के राजनीतिक दल शामिल हैं।

ट्रांसपोर्ट यूनियन ने सिंघु बॉर्डर के मंच से ऐलान किया कि वे किसानों के भारत बंद के आह्वान में सक्रिय भागीदारी करेंगी और उस दिन पूरे देश में 90 लाख ट्रकों का पहिया जाम रहेगा।

इसके अलावा दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और इंडियन टूरिस्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईटीटीए) ने भी भारत बंद में शामिल रहेंगी।

कपूरथला रेलवे कोच फ़ैक्ट्री की आईईआरएफ़ यूनियन के कर्मचारी नेताओं ने भी किसानों की मांगों का समर्थन किया है और भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया।

किसानों का आंदोलन धीरे धीरे देश में फैल रहा है और देश की सबसे बड़ी दस ट्रेड यूनियनों ने भारत बंद में सक्रिया भागीदारी करने का भी ऐलान कर दिया है। इस बीच असंठित क्षेत्र की यूनियनें मसलन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट, दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट, टैक्सी, ऑटो, टेंपो ट्रांसपोर्ट से जुड़ी यूनियनें पहले ही अपना समर्थन दे चुकी हैं।

दिल्ली परिवहन निगम की कर्मचारी यूनियन ने भी किसानों को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।

उधर टिकरी बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर धरना जारी है और किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

छह दिसम्बर को जब पूरे देश में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही थी, उसी दौरान सिंघु बॉर्डर पर संविधान को तोड़ने के ख़िलाफ़ बाबा साहेब को याद किया जा रहा था।

किसान नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार सिर्फ एमएसपी पर लिखित आश्वासन देकर पिंड छुड़ाना चाहती है लेकिन अब एआईकेएससीसी की मांग है कि बिना तीनों काले कृषि क़ानूनों को रद्द किए, वो अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे।

उधर रविवार के दिन सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के नामी कलाकारों से लेकर दिल्ली की जनता भी समर्थन देने पहुंची और पूरे दिन धरना स्थल पर बहुत गहमा गहमी का माहौल रहा।

किसान नेता बलदेव सिंह ने किसान संघर्ष को और मजबूत करने का आह्वान करते हुए बताया कि गुजरात से 250 किसान दिल्ली प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे हैं।

हरियाणा में भी किसानों के बीच इस प्रदर्शन को लेकर भारी सहानुभूति का माहौल है और टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर भारी संख्या में करनाल, पानीपत से किसान आए हुए हैं।

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