चीन में भारत जैसे हालात: फॉक्सकॉन में COVID की दस्तक के बाद पैदल ही घरों को लौट रहे मज़दूर, वीडिओ हुए वायरल

चीन के झेंगझाऊ प्रांत में कोरोना महामारी ने फिर से डरावनी दस्तक दी हैं। जिसके बाद राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की क्रूर जीरो ने कोविड नीतियों के तहत प्रान्त में लॉकडाउन लगा दिया हैं। जिसके बाद वहां के हालात भयानक हो गए हैं।

कोरोना लॉकडाउन से परेशान चीन की सबसे बड़ी आईफोन फैक्‍ट्री के हजारों कर्मचारी दीवार फांदकर कंपनी से भाग रहे हैं। ये कर्मचारी खाने की कमी से जूझ रहे हैं और पैदल ही घर वापस जाने को मजबूर हैं।

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शहर में लॉकडाउन लगे होने के कारण ट्रांसपोर्ट सुविधा पूरी तरह से बंद है।

वीडियो वायरल

सोशल मीडिया में फैक्‍ट्री से भाग रहे चीनी कर्मचारियों के वीडियो वायरल हो गए हैं। इसमें नजर आ रहा है कि ये कर्मचारी फॉक्‍सकॉन फैक्‍ट्री के चारों ओर लगाई गई बाड़ को फांदकर निकल रहे हैं। वे लोग अपने सामान को लेकर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों की ओर निकल चुके हैं। कोरोना लॉकडाउन की वजह से इस इलाके में कोई भी वाहन नहीं चल रहा है।

बिज़नेस इनसाइडर इंडिया से मिली जानकारी के मुताबिक आईफोन फैक्‍ट्री के मज़दूर पैदल ही अपने घरों को लोट रहे हैं। फैक्‍ट्री में बीते तीन महीनों से काम करने वाली 20 वर्षीय डोंग वानवान का कहना हैं कि उन्होंने और उनके भाई ने अभी तक 25 मील की दूरी तय की हैं। उनका कहना हैं कि लॉकडाउन के बाद उनको फैक्ट्री में खाने-पीने और सुविधाओं के लिए काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा था। जिसको लेकर कई बार मज़दूरों को प्रबंधन के बीच हाथापाई भी हुई थी। इसलिए सभी मज़दूर वहां से भाग रहे हैं।

काम पर वापस नहीं लौटना चाहते मज़दूर

आगे डोंग का कहना है कि फॉक्सकॉन आईफोन प्रबंधन ने बहुत बड़ी गलती कर दी है। इस घटना के बाद अब मज़दूर काम पर वापस नहीं आना चाहेंगे। उनका कहना है कि “मुझे पता है कि मैं नहीं आऊंगी।”

दुनिया के लगभग आधे आईफोन फॉक्सकॉन के अधिकार मज़दूरों को मज़दूरों को फैक्ट्री छोड़ने की कोशिश करने और रोकने के लिए अलग अलग नीतियां अपना रहे हैं। सोमवार को, फॉक्सकॉन ने मज़दूरों को रोने के लिए उनकी मजदूरी में 36 फीसदी की बढोतरी की है जो 5.20 डॉलर प्रति घंटा के हिसाब से की गयी है।

एक दूसरी वायरल वीडिया में नजर आ रहा है कि दिन हो या रात जिस कर्मचारी को जहां से मौका मिल रहा है, वह फॉक्‍सकॉन को छोड़कर जा रहा है। कुछ कर्मचारी तो गेहूं के खेत से होकर गुजरते हुए देखे गए हैं। आसपास के गांवों के लोग उन्‍हें खाना और पानी दे रहे हैं।

2 लाख कर्मचारी करते हैं काम

ज्ञात हो कि आईफोन फैक्‍ट्री के कई कर्मचारियों को कोरोना प्रकोप को देखते हुए क्‍वारंटाइन करके रखा गया है। ताइवान की टेक कंपनी फॉक्‍सकॉन ऐप्‍पल के आईफोन बनाती है।

झेंगझाऊ परिसर में 2 लाख कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी ने अभी यह नहीं बताया है कि उसके कितने कर्मचारी कोरोना से प्रभावित हुए हैं या परिसर को छोड़कर चले गए हैं। उसने रविवार को इतना जरूर कहा कि वह मजदूरों को जाने से नहीं रोकेगी। हेनान प्रांत की राजधानी झेंगझाऊ में पिछले 7 दिनों में स्‍थानीय रूप से कोरोना संक्रमण के 167 मामले सामने आए हैं।

शनिवार शाम तक झेंगझाऊ के पास के शहरों यूझोउ, चांगे और किनयांग ने फॉक्‍सकॉन कर्मचारियों से अपील की कि वे घर जाने से पहले स्‍थानीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दें। अधिकारियों ने कहा कि घर लौट रहे लोगों को एक जगह से दूसरी जगह तक जाने के लिए वाहन मुहैया कराया जाएगा। दूसरे शहर में पहुंचने पर उन्‍हें क्‍वारंटीन किया जाएगा।

24 घंटे में कोरोना वायरस के 64 मामले

आपको बता दें कि सरकारी फरमान के अनुसार फॉक्सकॉन कारखाने के आस पास खाद्य पदार्थों व चिकित्सकीय सामग्री पहुंचाने वालों के अलावा एक सप्ताह तक वहां किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार झेंगझोऊ में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 64 मामले सामने आए। शहर की आबादी करीब 1.25 करोड़ है। हालांकि औद्योगिक क्षेत्र में कितने मामले सामने आए उसकी कोई जानकारी नहीं दी गई।

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गौरतलब है कि अप्रैल 2020 में भारत में भी मज़दूरों के सामने ऐसी समस्या सामने आयी थी जब महामारी के कारण अचानक लॉकडाउन लगा दिया गया था। लॉकडाउन के चलते प्रवासी मज़दूरों ने भरी संख्या में शहरों से अपने गांव की और पलायन करना शुरू कर दिया। सड़को पर सैकड़ों मज़दूर अपने परिवार के साथ पैदल ही चले जा रहे थे। इस दौरन भुखमरी और सड़क हादसों के कारण काफी मज़दूरों की जान भी चली गयी थी।

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