स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार घोषित करने की उठी मांग

जी-20 शिखर सम्मेलन का एक ही मतलब है दुनिया के व्यापार, कल-कारखाने, जल जंगल जमीन पर कॉरपोरेट, बहुराष्ट्रीय निगमों का कब्जा मुकम्मल करना। शिक्षा, स्वास्थ को बाजार में बेच कर अकूत मुनाफा कमाना। जी-20 साम्राज्यवादी लुटेरे देशों द्वारा बनाया दुनिया को लूटने के लिए बनाया गया मंच है। ऐसा कहना है समाजवादी लोक मंच के सदस्य मुनीष कुमार का।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के ढिकुली में जी-20 के अंतर्गत साइंस-20 की गोलमेज बैठक के समानांतर पालिका सभागार में समाजवादी लोक मंच द्वारा दो दिवसीय गोलमेज बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ सैकड़ों लोगों ने भागीदारी की।

बैठक का हिस्सा बनी ललित उप्रेती ने कहा कि दुनिया के कारपोरेट, बहुराष्ट्रीय निगमों, पूंजीपतियोंभूस्वामी, धन्ना सेठों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन ताज होटल ढिकुली में हो रहा है और देश के 90% मजदूरों,किसानों, छोटे दुकानदार व आम आदमी के प्रतिनिधियों का सम्मेलन नगरपालिका सभागार में हो रहा है।

समाजवादी लोक मंच द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की गयी है कि स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए। दवा उत्पादन समेत समस्त स्वास्थ्य ढांचे का राष्ट्रीयकरण किया जाए। सरकारें स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाकर जीडीपी के अनुपात में 10% करें।

बैठक यह भी मांग की गई कि पेटेंट कानूनों को रद्द कर साम्राज्यवादी मुल्कों व संस्थाओं के साथ किए गए सभी गैर बराबरी पूर्ण समझौतों को रद्द किया जाए।

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दुनिया के एक चौथाई टीबी के मरीज भारत में

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों स्वास्थ्य कारणों से 5.50 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए, दुनिया के एक चौथाई टीबी के मरीज भारत में है। डॉक्टरों एवं बैड की उपलब्धता के मामले में हमारा देश श्रीलंका और ब्राजील से भी पीछे है। ज्यादातर स्वास्थ्य सेवाएं व जांच आदि की सुविधा निजी क्षेत्र में है।

दूसरे प्रस्ताव में कहा गया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जी-20 सम्मेलन के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं। समाजवादी लोक मंच का आरोप है कि 100 करोड रुपए जनता के गाडे पैसे की कमाई का दुरुपयोग है। जी-20 बैठक के नाम पर भारी संख्या में पुलिस बल, चिकित्सकों व अधिकारियों की तैनाती कर देश के संसाधनों का दुरुपयोग किया गया है।

मंच के सदस्यों का कहना है कि जी-20 बैठक के नाम सैकड़ों लोगों को उजाड़ने की कार्यवाही ने सरकार के नारे “एक विश्व -एक परिवार -एक भविष्य “की सच्चाई को उजागर कर दिया है कि इस नारे में मजदूर ,किसान , दुकानदारों व आम आदमी के लिए कोई जगह नहीं है।

बैठक में मांग की गई है कि पंतनगर एयरपोर्ट से ढिकुली ग्राम तक उजाडे गए सभी लोगों को सरकार पुनर्वासित करें तथा इसके लिए 100 करोड रुपए का बजट जारी किया जाये।

कार्यक्रम का संचालन कौशल्या चुनियाल ने किया। बैठक में सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष इस्लाम हुसैन, भुवन पाठक, एडवोकेट सतपाल बल, एडवोकेट ललित मोहन, किसान नेता अवतार सिंह, धर्मपाल सिंह, इमके नेता रोहित र रुहेला, महिला एकता मंच की ललिता रावत, वन गूजर युवा संगठन के इसाक हुसैन, आनंद नेगी, रविंद्र पटवाल, हरीश पटेल, गोपाल लोधियाल, पान सिंह नेगी, गोपाल राम, उपपा नेता प्रभात ध्यानी ने अपने विचार व्यक्त किए।

वहीं आज, 29 मार्च को दूसरे दिन के कार्यक्रम दिन में 11 बजे से व्यापार मंडल भवन रामनगर में आयोजित किए जाएंगे। जिसमें फैक्ट्री जापानी प्रतिरोध हिंदुस्तानी व जिंदा है तो सड़कों पर आ जा पुस्तकों पर परिचर्चा की जाएगी।

साइंस-20 बैठक के प्रथम दिन के नतीजों पर परिचर्चा व पर्यावरण पर आधारित फिल्म केदार का शोक का प्रदर्शन किया जाएगा। शाम को 5:30 बजे स्वतंत्रता आंदोलन के शहीद मंगल पांडे को शहीद भगत सिंह चौक पर श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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