“फायदा दे रही फैक्ट्री को बेच ,विदेशी निवेशकों को बुलाया जा रहा है”

impcl kisaan mazdoor panchayat

प्रधानमंत्री मोदी 2 दिनों के उत्तराखंड के दौरे पर हैं. जहाँ वो ‘उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 ‘ में भाग लेंगे.

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित आईएमपीसीएल के विनिवेश और मज़दूरों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए के भुगतान के लिए आज कारखाना गेट पर मजदूर किसान पंचायत का आयोजन किया गया था.

ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा कारखाना गेट पर आयोजित मजदूर किसान पंचायत में फ़ैक्टरी कर्मचारियों के साथ-साथ आस-पास के कई गावं के लोगों ने भी शिरकत की.

इस मजदूर किसान पंचायत को कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने भी सम्बोधित किया.

टम्टा ने मंच से कहा कि “आईएमपीसीएल विनिवेश को रोके जाने व ठेका श्रमिकों के पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए के भुगतान आदि का मसला कांग्रेस सांसदों व विधायकों द्वारा लोकसभा व उत्तराखंड विधानसभा में उठया जायेगा.”

मालूम हो कि आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द किए जाने व अन्य मांगों को लेकर चलाया जा रहे आंदोलन के संदर्भ में कारखाना गेट पर मजदूर किसान पंचायत का आयोजन किया गया था.

पंचायत के समापन से पहले ये भी घोषणा कि गई कि आगामी 12 जनवरी को कारखाना गेट पर एक दिवसीय उपवास व धरना दिया जायेगा.

समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा के संचालन में आयोजित पंचायत को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि ना मैं खाऊंगा ना मैं खाने दूंगा, परंतु अब वे एक-एक करके सभी सरकारी संपत्तियों को बेच रहे हैं. पिछले 7 वर्षों में मोदी सरकार लगभग 4 लाख करोड रुपए की सरकारी संपत्तियां पूंजीपतियों को बेच चुकी है.”

ये लड़ाई सिर्फ आईएमपीसीएल को बचाने का नहीं पुरे देश के पब्लिक सेक्टर को बचाने का है

IMPCL protest
कुछ वक्ताओं ने कहा कि “ये संघर्ष सिर्फ आईएमपीसीएल को बचाने का ही संघर्ष नहीं है, बल्कि यह समूचे देश के पब्लिक सेक्टर को बचाने का भी संघर्ष है.”

मालूम हो कि आईएमपीसीएल के विनिवेश जैसे अहम् मसले पर उत्तराखंड के विधायक व सांसद अब तक मौन है. अभी तक किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

पंचायत को सम्बोधित करते हुए एक वक्ता ने कहा कि ‘ मेहनतकश लोगों को रोजी-रोटी रोटी नसीब नहीं हो रही है. परंतु पूंजीपति वर्ग दिन प्रतिदिन मालामाल हो रहा है. सरकारें विश्व व्यापार संगठन, आईएमएफ व विश्व बैंक के इशारों पर काम कर रही हैं. भाजपा सरकार कॉरपोरेट के साथ मिलकर मजदूर किसानों के खिलाफ कानून बना रही है.”

वक्ताओं ने कहा कि कारखाना प्रबंधन द्वारा कोर सेक्टर में ठेका प्रथा लागू कर भारतीय कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. रिकवरी के 1.12 करोड़ रुपए मजदूरों को न देना एक अपराध है.

पंचायत के दौरान कारखाना प्रबंधन ने पंचायत में आकर पीएफ राशि के भुगतान हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.

पंचायत को पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, भारतीय किसान यूनियन उगराहां के प्रदेश प्रवक्ता अवतार सिंह, एक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा, महिला एकता मंच भी संयोजक ललिता रावत, पूर्व पंचायत सदस्य नारायण रावत, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाब मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित रुहेला, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, किसान संघर्ष समिति के ललित उप्रेती, समाजवादी के संयोजक मुनीष कुमार, कांग्रेस सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री घनानंद शर्मा, इंडोनेंस वर्कर यूनियन के महामंत्री दीवान सिंह, नवीन अधिकारी केपी शर्मा आदि ने संबोधित किया.

(ठेका मजदूर कल्याण समिति द्वारा जारी प्रेस रिलीज के आधार पर)

Do read also:-

https://i0.wp.com/www.workersunity.com/wp-content/uploads/2023/04/Line.jpg?resize=735%2C5&ssl=1

Subscribe to support Workers Unity – Click Here

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.