“किसान आंदोलन में किसानों के साथ खड़े होने का दावा करने वाले भगवंत मान आज क्यों हैं चुप “

kisaan dharna chandigarh

चंडीगढ़- मोहाली हाइवे को अपनी ट्रेक्टर-ट्रालियों से घेर कर बैठे किसान आंदोलनकारियों के आंदोलन का आज तीसरा और आखिरी दिन है.
संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन के झंडे तले चंडीगढ़ और पंचकूला में धरने पर बैठे किसान संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल आज राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिल कर अपनी मानगो को आगे रखेगा.
धरने पर बैठे किसानों ने बताया की ” न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारन्टी सहित कई और मांगों को लेकर सरकार के चुप्पी के कारण उन्हें धरने के लिए आना पड़ा.”

इसके साथ ही किसानों की कई और भी मांगे हैं मसलन 2020 -21 के किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी की मांग, आंदोलन के दौरान जान गवांने वाले किसान के परिवार को मुआवजा और किसी एक सदस्य के लिए नौकरी,कर्ज माफ़ी.
किसान नेता हरमीत कादियान ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया की ” हम मंगलवार को राज्यपाल से मिलने वाले हैं,इसके साथ ही हम राजयपाल को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौपेंगे. आज ही ये भी तय किया जायेगा की हमारी आगे की क्या रणनीति होगी”.

किसान आंदोलन के समय किसानों के साथ खड़े होने का दम्भ भरने वाले भगवंत मान अब चुप क्यों

कादियान ने आगे बताया की ” हमारी मांगे पंजाब सरकार से भी है की इस साल जुलाई -अगस्त में आये बाढ़ से हुई फसलों के नुकसान का हमे मुआवजा मिले साथ ही गन्ना, मक्का और मुंग जैसी फसलों का हमे उचित मूल्य मिले. गन्ना का जो भी बकाया है उसे जल्द किसानों को दिया जाये साथ ही पराली जलाने के कारण किसानों के खिलाफ जो मुक़दमे हुए हैं वो भी वापस लिए जाये”.

rakesh tikait

वही किसान नेता राकेश टिकैत भी किसानों के प्रदर्सन में भाग लेने के लिए सोमवार को धरना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने मिडिया से बात करते हुए बताया की ” बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घरानों का लाखों- करोड़ो का कर्ज माफ़ करने वाली सरकार किसानों के 15 लाख करोड़ का कर्ज माफ़ नहीं कर रही ,जो उसकी मंशा बता रही है. किसानों के फसल का दाम सरकार को सुनिश्चित करना ही होगा”.

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