“फैक्ट्री बेच मोदी सरकार उत्तराखंड में भुतहा गावों की संख्या और बढ़ा देगी “- आईएमपीसीएल विनिवेश

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भारत सरकार के एकमात्र आयुर्वेदिक कारखाना आईएमपीसीएल का विनिवेश रद्द करने, श्रमिकों की बकाया 1.12 करोड़ रुपए की पीएफ राशि व अन्य देय राशियों का भुगतान करने व ठेका श्रमिकों को नियमित रोजगार की मांग को लेकर ठेका मजदूर कल्याण समिति ने आईएमपीसीएल कारखाना गेट पर धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कारखाना के प्रबंध निदेशक को ज्ञापन सौपा तथा आगामी 8 दिसंबर को कारखाना गेट पर मजदूर-किसान पंचायत करने की घोषणा की है.

मज़दूरों द्वारा किये जा रहे धरने के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. समिति ने कारखाना प्रबंधन को 1 बजे ज्ञापन स्वीकार करने के लिए कहा था लेकिन कारखाना प्रबंधन का कोई भी अधिकारी मज़दूरों का ज्ञापन लेने नहीं आया.

जिसके बाद आक्रोशित मज़दूरों और सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कारखाने में ज्ञापन लेकर जाने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस अधिकारियों ने मज़दूरों को गेट के बाहर रोक दिया और कारखाना एच आर को बाहर आकर मज़दूरों का ज्ञापन स्वीकार करवाया.

जिसके बाद कारखाना एच.आर पनीराम आर्य ने मज़दूरों को आश्वस्त किया कि उनके पीएफ के बकाया 1.12 करोड रुपए के भुगतान हेतु प्रबंधन हर संभव मदद करेगा.

धरना स्थल पर किशन शर्मा के संचालन में हुयी सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि “तीन जिलों अल्मोड़ा, पौड़ी व नैनीताल के संगम पर लगे इस आयुर्वेदिक कारखाने में काम करने के लिए लोग सुदूर तड़म से पैदल व चुकम जैसे गांव से नदी में तैर कर आते हैं. पिछले 40 वर्षों से इस कारखाने से केवल मज़दूरों एवं कर्मचारियों की ही जीविका नहीं चलती है बल्कि क्षेत्र के हजारों लोग विभिन्न प्रकार के उत्पादन इस फैक्ट्री को सप्लाई कर अपनी जीविका चलाते हैं”.

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वक्ताओं ने आगे कहा कि “आज पहाड़ से पलायन बहुत ज्यादा बढ़ चुका है. 16 सौ से अधिक गांव भूतहा गांव हो चुके हैं. इस कारखाने के विनिवेश से पलायन और भूतहा गांव की संख्या और भी अधिक बढ़ेगी. अतः इस कारखाने के विनिवेश को किसी भी शर्त पर रोका जाना चाहिए.”

वक्ताओं ने कहा कि “जब सरकार हमारी आवाज सुनने के लिए तैयार नहीं है तभी हमें आंदोलन के लिए विवश होना पड़ा है”.
अपनी आगे की रणनीति के बारे में बताते हुए मज़दूर संगठनों ने बताया की “आगामी 8 दिसंबर को कारखाना गेट पर मजदूर किसान पंचायत की जाएगी. वर्ष 2019 में भी इस कारखाने को बेचने का प्रयास मोदी सरकार कर चुकी है, तब भी मज़दूरों एवं क्षेत्र की जनता के विरोध के कारण उस समय यह विनिवेश की कार्रवाई रुक गई थी.”

धरने को प्रभात ध्यानी, मनमोहन अग्रवाल, तुलसी छिंबाल, रेवी राम, ललिता रावत, विद्यावती आर्य ,नारायण रावत, अमित रावत, रोहित रुहेला, ललित उप्रेती, ललिता रावत, गीता जोशी मुनीष कुमार, संतोष शर्मा,शेखर, केशव व मुनीष कुमार आदि ने संबोधित किया.

( ठेका मजदूर कल्याण समिति आईएमपीसीएल मोहान, अलमोड़ा द्वारा जारी प्रेस रिलीज के आधार पर)

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