श्रम कानूनों को ‘खत्म’ करने के खिलाफ काले फीते बांधकर विरोध, आदेश की प्रतियां जलाईं

श्रम कानूनों को समाप्त करने, 8 घंटा काम को बढ़ाकर 12 घंटा कर मजदूरों को गुलाम बनाए जाने के खिलाफ ऐक्टू के दो दिवसीय देशव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर आज उत्तराखंड में विभिन्न जगहों पर विरोध जताते ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने काले फीते बांधे, उत्तराखंड राज्य सरकार के 12 घंटे के कार्यदिवस के आदेश की प्रति का दहन किया।

एक्टू प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि केंद्र सरकार के 12 घंटे के कार्य दिवस के निर्देश के अनुपालन में विभिन्न राज्य सरकारें कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानूनों में बदलाव करती जा रही हैं।

यूपी की योगी सरकार द्वारा 1000 दिन तक श्रम कानूनों का स्थगन के बाद मध्यप्रदेश व गुजरात की सरकार इस रास्ते पर बढ़ गयी हैं। ये कदम सीधे सीधे मजदूरों को संविधान प्रदत समानता व न्याय के मौलिक अधिकार से वंचित कर देता है। एक्टू ने सरकार से 12 घण्टे के कार्यदिवस के ऑर्डर को वापस लेने व बकाया मजदूरी भुगतान की मांग की।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं।)