आदिवासियों को बेदखल करने के लिए हिंसा का सहारा ले रही वेदांता और ओड़िशा सरकार : खनन विरोधी समिति

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ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बॉक्साइड खनन मामले में घोषित 16 अक्टूबर को होने जा रही एक सार्वजनिक सुनवाई से पहले स्थानीय लोगों के अनुसार मारपीट के कई घटनाक्रम सामने आयें हैं.

मालूम हो की सिजीमाली बॉक्साइट खनन परियोजना कालाहांडी जिले में थुआमल रामपुर ब्लॉक और रायगढ़ जिले में काशीपुर ब्लॉक दोनों में फैली हुई है.
इस पुरे खनन परियोजना का विरोध कर रही समिति के अनुसार ओडिशा सरकार वेदांता के लिए इस परियोजना को जबरदस्ती सुविधाजनक बना रही है.

इस दौरान समिति के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया की :-

• कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को जेल भेजने के बाद 14 सितंबर 2023 को पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट जनता के सामने रखी गई थी. पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में 100 अन्य लोगों के साथ नामित 93 आदिवासियों और दलितों में से 24 जेल में हैं.

• कांग्रेस और भाजपा दोनों विपक्षी दलों ने काशीपुर ब्लॉक में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर परियोजना की सराहना की है और इसके अलावा इसका विरोध करने वालों को चेतावनी जारी की है, चाहे वे गांवों के हों या बाहर के.

• 80 से अधिक वकीलों ने ओडिशा के राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि सार्वजनिक सुनवाई को स्थगित कर दिया जाए और लोगों के खिलाफ एफआईआर वापस ले ली जाए क्योंकि यह क्षेत्र अनुसूची 5 के तहत संरक्षित है और कोई ग्राम सभा नहीं हुई है.

• ग्रामीण पुलिस और कंपनी के की उपस्थिति के साथ आतंक में रहना जारी रखते हैं, विशेष रूप से बंतेजी, केरपाई, कांतामल, बंदेल और अलीगुना गांवों में लोग डर के साये में जीने को मज़बूर है.

• स्थानीय समुदाय के भीतर दरार पैदा करने की कॉर्पोरेट रणनीति स्पष्ट है क्योंकि इसी के तहत परियोजना के त्वरित कार्यान्वयन की मांग करते हुए 5 अक्टूबर को एक विशाल रैली प्रायोजित की गई थी. अधिकांश समाचार पत्रों के दैनिक समाचार पत्रों में इसे पूरा कवरेज मिला. लेकिन सच्चाई यही है की लोगों को पैसे और खाने का प्रलोभन देकर इस रैली में लाया गया था. और उपस्थित लोगों की संख्या को भी बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जा रहा है.

• तब से गांवों के भीतर कंपनी के और पुलिस की उपस्थिति बढ़ रही है। शनिवार, 7 अक्टूबर को शाम लगभग 4:30 बजे, बंतेजी गांव की लक्ष्मी नाइक को भारी संख्या में पुलिस कर्मियों द्वारा परेशान किया गया, उनके घर पर छापा मारा गया, 50,000 रुपये और सोने के गहने ले लिए गए और उन्हें घेर लिया गया और धमकी दी गई कि उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वह पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही और मौके से भाग गई. उनके पति टंकधर नाइक एफआईआर में नामित लोगों में से एक हैं जो छिपे हुए हैं.

• आतंक के इस शासन के बावजूद, कुटरुमाली और सिजिमाली के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल भुवनेश्वर पहुंचा और निर्धारित सार्वजनिक सुनवाई के खिलाफ ओडिशा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर विरोध प्रदर्शन किया.

• निरंतर दमन के बीच कुछ राहत है. ओडिशा उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर को 35 ग्रामीणों को अग्रिम जमानत दे दी, जो उम्मीद है कि सार्वजनिक सुनवाई में शामिल हो सकते हैं.

(खनन का विरोध कर रही समिति द्वारा जारी प्रेस रिलीज के आधार पर)

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