क़तर में श्रमिकों की मौत पर नेपाल के नागरिक संगठनों ने लिखा FIFA अध्यक्ष को पत्र

तीन दर्जन से अधिक नेपाली नागरिक समाज संगठनों ने FIFA के अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि क़तर फ़ुटबॉल वर्ल्डकप स्टेडियम के निर्माण के दौरान मारे गए नेपाली प्रवासी मज़दूरों को मुआवजा देने से फीफ़ा आंखें चुरा रहा है। इन  संगठनों की मांग है कि मारे गए सभी मज़दूरों के परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।

मानवाधिकार संगठन एम्नेस्टी की  रिपोर्ट के अनुसार, नेपाली नागरिक समाज संगठनों ने पत्र में कहा है कि नेपाल के लगभग 4 लाख  मज़दूर क़तर में कई क्षेत्रों में कम कर रहे हैं और 2022 फीफा विश्व कप की मेजबानी के लिए आवश्यक निर्माण में भी बड़ी भूमिका निभाई है।

प्रवासी नेपाली समन्वय समिति के कार्यकारी निदेशक सोम प्रसाद लामिछाने ने कहा है –

“हम कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए फीफा के वादों को पूरा करने के लिए जियानी इन्फेंटिनो का आह्वान करने के लिए एक साथ आए हैं और उन श्रमिकों को मुआवजा देने के लिए सहमत हुए हैं जिन्होंने अपशब्दों का सामना किया है और जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है।”

संगठनों ने त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे सहित पूरे काठमांडू में होर्डिंग पर अपना संदेश प्रदर्शित किया है, जहां कतर के मज़दूर अक्सर अपने वेतन के बिना लौटते हैं और जहां मृतक प्रवासी मज़दूरों के शव नियमित रूप से प्रत्यावर्तित किए जाते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक क़तर में काम पाने के लिए प्रवासी मज़दूरों ने $1,000 (82,739 रुपए) से अधिक की अवैध भर्ती फीस का भुगतान भी किया है।

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संगठनों ने पत्र में फीफा को इस बात के अवगत करवाया है कि खतरनाक कामकाजी परिस्थितियों के कारण 2009 और 2017 के बीच कम से कम 200 नेपाली निर्माण मज़दूरों की मौत हुई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक सभी मौतें भीषण गर्मी में हीट वेव के कारण हुए है।

गौरतलब है कि क़तर में  प्रवासी मज़दूरों की मौत के बाद मुआवजे की मांग पूरी दुनिया में की जा रही है। हाल ही में बीबीसी हिंदी ने अपनी एक खबर में इस बात का दावा किया है कि 2010 में जब से क़तर को वर्ल्ड कप की मेज़बानी मिली है, तब से 2021 तक 6,500 अप्रवासी मज़दूरों की मौत हो चुकी है।

बीबीसी की इस रिपोर्ट का क़तर की सरकार ने खंडन किया है। उनका कहना है कि इस रिपोर्ट में क़तर में होने वाली सभी मौतों के आंकड़े को जोड़ लिए गया है , जबकि फीफा वर्ल्ड कप से जुड़ी मौतों की संख्या काफी कम है।

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क़तर का कहना है कि 2014 से 2020 के बीच वर्ल्ड कप स्टेडियम बनाने वाले मजदूरों में 37 की मौतें हुई हैं। इनमें से 34 मौतें काम की वजह से नहीं हुई हैं।

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