हड़ताल खत्म कर नोएडा के सफाई मजदूर काम पर लौटे, पर अभी भी चैन नहीं

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नोएडा विकास प्राधिकरण के टेम्पररी सफाई कर्मचारियों ने वेतन को बढ़ाने की मांगों को लेकर अथॉरिटी के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल खत्म कर दी है।

हालांकि वेतन में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी ये अभी तक लिखित में नहीं दिया गया है।

हड़ताल खत्म होने पर मजदूर काम पर वापस चले गए हैं लेकिन उनका आरोप है कि उनसे लंच टाइम में भी सख्ती से काम लिया जा रहा है और समय पर खाना खाने नहीं दिया जा रहा है।

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अखिल भारतीय सफाई मजदूर काँग्रेस (ABSMC) के प्रदेश मंत्री बबलू पारचा ने शनिवार को कहा कि वे लखनऊ में डिप्टी सीएम को मांगपत्र सौंपेंगे।

सफाई कर्मचारियों के प्राधिकरण से समझौते में कहा गया है कि वेतन बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2022 से लागू होगी और नए टेन्डर के के आधार पर एरियर निश्चित किये जाएंगे।

मजदूरों की मांग को मानते हुए प्राधिकरण ने कहा कि किसी भी कर्मचारी के मौत होने पर 10 लाख रुपए का मुआवजा।

साथ ही साथ अंतिम संस्कार के लिए 15,000 रुपए दिए जाएंगे।

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इसका लाभ उठाने के लिए कर्मचारियों को बीमा से पहले किसी रजिस्टर्ड डॉक्टर से स्वास्थ प्रमाण पत्र हासिल कर के जमा करना होगा।

स्वास्थ सेवाओं के लिए ESI पैनल की लिस्ट यूनियन के प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाएगी।

प्राधिकरण ने ये भी कहा कि दिवाली बोनस में 20 फीसदी बढ़ोतरी की जाएगी।

कई दिनों से सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर बैठने से शहर में कूड़ा बढ़ता जा रहा था।

गौरतलब है कि हर साल नए टेन्डर निकाला जाता है और फिर से मजदूरों की भर्ती की जाती है।

पर कई सफाई कर्मचारी लगभग दो दशक से काम करने के बावजूद टेम्पररी बेसिस पर काम करने को मजबूर हैं जिसमें कि उन्हें ना न्यूनतम वेतन दिया जाता है और ना ही अन्य लाभ।

चिलचिलाती धूप में लगातार भूख हड़ताल पर बैठने के बावजूद एक हफ्ते से भी अधिक समय तक कोई अधिकारी मजदूरों से बात करने नहीं आया था।

हड़ताल के समय मजदूरों का वेतन 14,600 रुपए था जो कि 2021 में ही यूनियन के संघर्ष के बाद 11,600 से बढ़ाकर कर किया गया था।

बढ़ती महंगाई और गंदे परिस्थियों में बिना सुरक्षा काम करने से होने वाली स्वास्थ समस्याओं की दोहरी मार सफाई मजदूरों को झेलनी पड़ती है।

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