बस्तर: 62 साल बाद भी आदिवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित, दंतेवाड़ा में आदिवासी महासभा ने NMDC को सौंपा मांग पत्र

Dantewada NMDC adivasi mahasabha

दंतेवाड़ा स्तिथ बैलाडीला पहाड़ के आसपास रहने वाले आदिवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।

दंतेवाड़ा जिला आदिवासी महासभा के सदस्यों के साथ ग्रामीणों ने मंगलवार को अपनी मूलभूत सुविधाओं और समस्याओं से सम्बन्धित ज्ञापन NMDC किरन्दुल व बचेली कॉम्पलेक्स में कलक्ट्रेट को सौंपा।

मंगलवार दोपहर आदिवासी महासभा के द्वारा रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में गावं के लोगों ने नारेबाजी कर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की।

बीते 62 साल से NMDC कर रही खनन

बीते 62 वर्षों से बस्तर संभाग के दन्तेवाड़ा जिले के बैलाडीला पहाड़ी इलाकों में National Mineral Development Corporation (NMDC) लोहा खनन कर रही है।

इतने सालों के बाद उस क्षेत्र में रहने वाले कोया आदिवासियों की स्थिति  में कोई सुधार नहीं आया है।

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दंतेवाड़ा जिला आदिवासी महासभा के उपाध्यक्ष बादल कुमार ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि, “विकास के नाम जो भी पैसा योजना के लिए आबंटित होता है उसको शासन व प्रशासन के लोग गबन कर लेते है।”

“भारत में सबसे बड़ी नवरत्न कंपनी कि उपाधि से सम्मानित, पैसा कमाने वाला लौह कारखाना होने के बाद भी NMDC परियोजना से लगे हुए गांवों में मूलभूत सुविधा व विकास नही होना शर्म की बात है।”

क्या हैं आदिवासियों की मांगें

आदिवासी महासभा ने प्रशासन को माँगपत्र सौंपते हुए जल्दी कारवाही करने की भी मांग की है।

संगठन की मांग है कि NMDC परियोजना से प्रभावित 58 गांवों के बच्चे पढ़ाई से वंचित है।

आदिवासी महासभा बैलाडीला क्षेत्र समिति द्वारा 2010 में अनुबद्ध किये गए LKG से पालिटेकनिक डिग्री तक मॉडल एकेडमी स्कूल का तत्काल निर्माण किया जाये।

इन सभी स्कूलों को NMDC द्वारा संचालिए किया जाये, जिसके कारण परियोजना से प्रभावित 58 गांवों के बच्चों को शिक्षा का लाभ उठा सकें।

साथ ही सन् 2010 में आदिवासी महासभा बैलाडीला क्षेत्र समिति द्वारा पोटाली पंचायत में 100 बेड क्षमता वाले अस्पताल बनाने का NMDC व प्रशासन के बीच अनुबंध कराया गया था।

इस अनुबंध के तहत पोटाली में 100 बेड का अस्पताल बनाकर संचालित किया जाये।

संगठन की मांग है कि 58 गांवों के लोगों को इलाज के लिए NMDC ही सीधे राशि दे ।

NMDC परियोजना से प्रभावित 58 गांवों के स्कूली बच्चों को प्रतिवर्ष दो जोड़ी यूनिफार्म दिया जाये।

साथ ही सही गांवों के 9वीं कक्षा से आगे पढ़ने वाले बच्चों की पढाई का सारा खर्च NMDC को देना होगा।

परियोजना से प्रभावित 58 गांवों के आनाल पेन करमाड़ के लिए 50,000 रूपये और माता जातरा मेला के लिए 25,000 रूपये की सहयता प्रति वर्ष NMDC द्वारा की जाये।

NMDC द्वारा परियोजना में निम्न पदों की भर्ती में स्थानीय लोगों को ही प्राथमिकता दी जाए।

आदिवासी संगठन ने मांगों में NMDC परियोजना किरन्दुल-बचेली अस्पतालों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बीमार पड़ने पर इलाज के लिए भर्ती के लिए दोनों अस्पतालों में पाँच-पाँच विशेष एकल कमरों की व्यवस्था किया जाए।

संगठन ने NMDC किरन्दुल-बचेली कॉम्प्लेक्स से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल को पहाड़ के दूसरे तरफ फेकने की मांग की है, जिससे कि गावंवालों की खेती न प्रभावित हो।

साथ ही बैलाडीला पहाड़ के चारो तरफ से निकलने वाला नदी-नाले, जलस्त्रोत कम होने और वायु छिद्र बंद होने के कगार पर है।

एनएमडीसी जल स्त्रोत नंदी-नाले ओर वायु छिद्र की सुरक्षा करें।

आदिवासी महासभा ने चेताया कि वायु छिद्र और जलस्त्रोंत की सुरक्षा नहीं करने पर NMDC के लिए अच्छा नहीं होगा।

संगठन ने अपनी अंतिम मांग में कहा है कि स्थानीय बेरोजगारों को स्वरोजगार देने के लिए ठेका, काम में PF नंबर बनाकर देने का ठेका, मजदूरी काम देने का और खेती के लिए तार फेन्सिंग-बोर, मछली पालन के लिए तालाब, सामान कय-विक्रय के लिए दुकान, समूह में ट्रैक्टर, पिकअप, एम्बुलेन्स, राईस मिल, ईंटा बनाने की मशीन, CHC सेन्टर सभी पर ध्यान दिया जाये।

साथ ही आदर्श ग्राम कड़मपाल के बेरोजगारों के लिए पांच शॉपिंग कॉम्प्लेक्स दुकान की व्यवस्था की जाये कर और गावं के बेरोज़गारो को काम मुहैया करवाया जाए ।

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