बेलसोनिका में तीन मजदूरों का पंच कार्ड बंद, छंटनी की तैयारी करने का यूनियन का आरोप

Bellsonica employees protesting

हरियाणा के आईएमटी मानेसर में स्थित बेलसोनिका कंपनी ने आज सुबह “ए” शिफ्ट में आने वाले तीन मज़दूरों का पंच कार्ड बंद कर दिया है।  तीनों ही मज़दूर प्लांट के वैल्ड शॉप विभाग में कार्यरत हैं।

हालांकि प्लांट में ये तीनों मज़दूर काम कर रहे हैं। इन्हें पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

बेलसोनिका मज़दूर यूनियन का कहना है कि प्रबंधन मज़दूरों की छंटनी करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही यूनियन ने प्रबंधन पर मज़दूरों का मानसिक और शरीरिक शोषण करने का भी आरोप लगाया है।

वही प्रबंधन ने नोटिस बोर्ड पर तीन ऐसे सार्वजनिक सूचना नोटिस चस्पा की हैं, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि प्लांट के अंदर जो भी हो रहा है उसके लिए यूनियन जिम्मेदार है।

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बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के प्रधान मोहिंदर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि प्रबंधन ने संस्था में मज़दूरों की छंटनी की तैयारी एक साल पहले जुलाई 2021 से ही शुरू कर दी थी। एक साल पहले से प्रबंधन ने बहुत सारे स्थाई मज़दूरों की घरेलू जांच की कार्यवाही करके इंक्वायरी चला रखी है , जिस पर प्रबंधन का कहना है कि मज़दूर फर्जी दस्तावेज देकर संस्था में भर्ती हुए हैं।

जिस पर यूनियन ने प्रबंधन से तीन बार बातचीत करके समाधान करने के प्रयास किए। लेकिन इस पर अंत में प्रबंधन का यही कहना था कि हम इतने परमानेंट मजदूरों से फैक्ट्री को नहीं चला सकते और हमें हर हालत में यह परमानेंट वर्कर कम करने है।

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मोहिंदर का कहना है कि प्रबंधन द्वारा वर्करों की छंटनी करने की मंशा साफ तौर पर जाहिर कर दी। इन परस्थितियों में यूनियन प्रबंधन की हाँ में हाँ मिलती तो ठीक था लेकिन यूनियन मज़दूरों के लिए और मज़दूरों से होती है।

आगे उन्होंने कहा कि यूनियन इसके लिए संघर्ष करेगी और हर मज़दूर की नौकरी के लिए लड़ेगी उसके एक भी मज़दूर पर हमला सब वर्कर पर हमला माना जाएगा। जो मज़दूर पिछले 15 -20 सालों से प्लांट में काम कर रहा है इतने सालों बाद उनके दस्तावेजों की जांच करना ये साफ तौर पर जाहिर करता है कि प्रबंधन हर हल में मज़दूरों कि छंटनी कर यूनियन को कमज़ोर बनाना चाहती है।

ऐसे और भी कई समस्याओं का एक पर्चा यूनियन ने प्लांट के अंदर सभी नोटिस बोर्ड पर लगा दिया है। इस  पर्चे में मुख्य रूप से मजदूरों और यूनियन को हो रही परेशानियों का जिक्र किया गया है।

मज़दूरों से छिना शिफ्ट बदलने का अधिकार

यूनियन का कहना है कि प्रबंधन शिफ्ट चेंज करने अधिकार मज़दूरों से चीन लिया है। यूनियन में बताया कि शिफ्ट चेंज जो पहले स्थाई – अस्थाई कर्मचारी आपस में कर लेते थे।

उस पर इस प्रबंधन ने पिछले वर्ष से ही यूनियन को फरमान सुनाया की आज से स्थाई – अस्थाई आपस में शिफ्ट चेंज नहीं करेंगे। स्थाई की स्थाई वर्कर के साथ अस्थाई की अस्थाई वर्कर के साथ चेंज की जाएगी।

जबकि यह फरमान यूनियन को सुनाने से पहले प्रबंधन ने कभी भी इस विषय पर बातचीत करना भी जरूरी नहीं समझा और जब यूनियन ने इस विषय पर प्रबंधन से कुछ सवाल खड़े किए तो प्रबंधन ने ना ही उनके संतोषजनक जवाब आज तक ही दिए और ना ही इसका कोई समाधान किया।

जबकि हम सभी स्थाई अस्थाई वर्कर्स मशीनों पर लगकर उत्पादन करते हैं।

PF की समस्या का नहीं हो रह है समाधान

यूनियन का आरोप है कि PF की समस्या का विषय वर्ष 2017 से पेंडिंग है।

इस पर मौजूदा प्रबंधन से भी बातचीत हुई और समाधान होने की बजाय और भी मजदूरों की समस्याएं उत्पन्न हो गई और बार-बार आश्वासन देने के बाद भी इन पीएफ की समस्याओं का कोई भी आज तक समाधान नहीं किया गया।

यहां तक कि प्रबंधन की ओर से अधिकारी पीएफ की इन समस्याओं को लेकर सैकड़ों बार गेट पास लेकर पीएफ ऑफिस में जा चुके हैं लेकिन किसी भी वर्कर का संतोषजनक समाधान नहीं किया गया और यहां तक कि एक मज़दूर मिथलेश के आश्रितों की पेंशन वर्ष 2015 से पेंडिंग है जो कि अभी तक भी नहीं लग पाई है।

अब पता नहीं प्रबंधन ने बीएफ ऑफिस के नाम पर बार गेट पास लेकर क्या किया? यह आज तक भी यूनियन की समझ में नहीं आ पाया है।

कैंटीन पैसे बढ़ने के बाद खाना ख़राब

यूनियन में अपने पर्चे में लिखा है कि कैंटीन में जिस तरह से दिन-प्रतिदिन की समस्याएं पैदा हो रही हैं उनका प्रबंधन की ओर से कोई भी हो समाधान नहीं किया जा रहा है।

पहले पैसों का हवाला दिया जा रहा था कि 2 साल से इस कैंटीन ठेकेदार के पैसे नहीं बढ़ पाए हैं तो वह वर्करों को अच्छा खाना कहां से दे पाएगा। लेकिन आज जब कैंटीन ठेकेदार के पैसों में करीब 12% वृद्धि हो चुकी है तब भी वह वर्कर को सही खाना दे पाने में असफल साबित हो रहा है और यह जो पैसे की वृद्धि प्रबंधन द्वारा की गई है उसमें भी यूनियन को दरकिनार किया गया है और कैंटीन के पैसे की वृद्धि का फैसला 05 जुलाई 2022 को यूनियन के ऊपर थोप दिया गया।

जब यूनियन ने इसका विरोध किया तो साफ तौर पर प्रबंधन ने यूनियन को बोला कि यह पैसे तो जून 2022 से ही आपकी सैलरी से काटा जाएगा।अब आप को जो करना है वह कर सकते हो।

एयर वॉशर के लिए लड़ी लड़ाई

यूनियन ने पर्चे के मध्यम से मज़दूरों को याद दिलाया कि वॉशर को चलाने को लेकर 26 डब्ल्यूबीजीटी के फार्मूले को प्रबंधन ने जिस तरीके से अड़ियल रुख करते हुए रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में अपना रखा है।

यहां पर मन धन की साफ तौर पर उकसावे फोन गतिविधि को दर्शाता है और वर्कर के प्रति अमानवीय व्यवहार को प्रतीत करता है।

एयर वॉशर को अप्रैल माह से चलाने को लेकर यूनियन ने सब जगह पर शिकायतें धरने प्रदर्शन ज्ञापन तक दिए यहां तक की लेबर अधिकारी व हेल्थ एंड सेफ्टी अधिकारी ने भी कंपनी में आकर 2-3 राउंड का दौरा किया और तब कहीं जाकर वह कुछ ही समय के लिए चलाए गए।

लेकिन उसके बाद भी यूनियन ने 20-21 मई 2022 की 2 दिन की भूख हड़ताल इनको प्रॉपर चलाने के लिए करनी पड़ी।

इसके बाद 5-7 दिन ही एयर वॉशर को सही चलाया गया। उसके बाद फिर उसमें प्रबंधन द्वारा अवरोध पैदा किया जाने लगा। अंत में 03 जून 2022 से यूनियन ने एयर वॉशर को प्रॉपर चलाने के लिए अपने आप ही चलाने पड़े।

यूनिफॉर्म का सही मात्रा में वितरण नहीं

यूनियन का कहना है कि जो यूनिफार्म अप्रैल माह में मिलनी थी वह अभी तक भी वर्कर को नहीं मिल पाई है और जो यूनिफॉर्म अक्टूबर 2021 में वर्कर को मिलनी थी वह आज तक भी पूर्ण रूप से नहीं मिल पाई है।

अराजक तत्वों की भर्ती

यूनियन का आरोप है कि बेलसोनिका प्रबंधन ने नए-नए मज़दूरों की भर्ती करना शुरू कर दिया है। पिछले 15-20 दिनों से सैकड़ों मजदूर (अप्रेंटिस, डी ई टी, 6 महीने के लिए ठेका श्रमिक आदि) कंपनी में भर्ती किए जा रहे है। इन मजदूरों में प्रबंधन ने कुछ अराजक तत्व भी भर्ती/शामिल कर लिए गए हैं।

जो कि शॉप फ्लोर पर परमानेंट मजदूरों व पुराने कैजुल साथियों के साथ झगड़ने का काम कर रहे हैं। बिना कोई काम किए प्लांट में खुलेआम घूमते – फिरते रहते हैं। कोई लाइन इंचार्ज, कोई सुपरवाइजर व मैनेजर उनको कुछ भी नहीं बोलता और ना ही कोई काम करने के लिए कहता है।

ट्रेनिंग देने के बहाने से ट्रेनिंग रूम में बैठा कर यही ट्रेनिंग दी जाती है कि किस – किस तरीके से आपने यूनियन व उसके साथियों के साथ झगड़ा करना है। और इस तरीके के एक – दो वारदात संस्था में ये सरारती तत्व कर भी चुके हैं।

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