इस सत्र में बिजली संसोधन बिल 2022 को पारित करने के खिलाफ़ SKM ने दी चेतावनी

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संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को इस संसदीय सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 पेश करने और पारित करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

मोर्चा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि सरकार द्वारा इस विधेयक पर एसकेएम के साथ कोई परामर्श नहीं किया गया है, जैसा कि लिखित में वादा किया गया था।

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एसकेएम ने इस विधेयक के पेश/पास होने पर तत्काल बड़े पैमाने पर विरोध का राष्ट्रव्यापी आह्वान किया है, और बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की अपील का समर्थन किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा को मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार वर्तमान संसदीय सत्र में विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 को पेश और पारित कर सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही विधेयक को मंजूरी दे दी है।

इस विधेयक को वापस लेना किसानों के साल भर से लंबे संघर्ष की प्रमुख मांगों में से एक थी। 9 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार ने एसकेएम को लिखे पत्र में कहा था, “बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर पहले सभी स्टेकहोल्डर्स/संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी। मोर्चा से चर्चा होने के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा।”

पिछले आठ महीनों में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है। इसलिए, यह केंद्र सरकार के स्वयं के लिखित आश्वासन के साथ एक बड़ा विश्वासघात है।

SKM के अनुसार, बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 का उद्देश्य बिजली वितरण के क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रवेश सुगम करना है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह हमारे देश के किसानों और अन्य सभी वर्गों के लोगों के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी करके निजी कंपनियों को भारी मुनाफा देगा। क्रॉस सब्सिडी खत्म हो जाएगी। किसानों को मुफ्त या सस्ती बिजली खत्म हो जाएगी।

मोर्चा ने कहा है कि इससे किसानों की उत्पादन लागत और बढ़ेगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की घरेलू दरों में जबरदस्त वृद्धि होगी। बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की नौकरी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

एसकेएम ने बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा, 9 अगस्त को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का समर्थन किया है। साथ ही अगर सरकार एकतरफा इस विधेयक को पेश और पारित करती है तो काम बंद करने, के राष्ट्रव्यापी कार्रवाई के आह्वान का एसकेएम ने पूरा समर्थन किया है।

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