
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहाँ सुखी है, कौन यहाँ मस्त है?
बाबा नागार्जुन की कविता- किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहाँ सुखी है, कौन यहाँ मस्त है? सेठ है, शोषक है, नामी गला-काटू है गालियाँ भी सुनता है, भारी …
किसकी है जनवरी, किसका अगस्त है? कौन यहाँ सुखी है, कौन यहाँ मस्त है? पूरा पढ़ें