जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में डिलीवरी सेवाओं पर प्रतिबंध, क्या असर पड़ेगा उपभोक्ताओं और गिग वर्कर्स पर

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राष्ट्रीय राजधानी में 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर 8 से 10 सितंबर तक नई दिल्ली में खाद्य वितरण सेवाओं सहित और भी कई तरह के वाणिज्यिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी

दिल्ली पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया की ‘हम क्लाउड किचन और फूड डिलीवरी सेवाओं की अनुमति नहीं दे सकते.अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी इंटरनेट डिलीवरी कंपनियों को भी नियंत्रित क्षेत्र में काम करने की अनुमति नहीं होगी’.

दिल्ली पुलिस द्वारा जी-20 सम्मलेन को देखते हुए मीडिया को यह जानकारी दी गई थी की चिकित्सा सेवाओं और आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की डिलीवरी प्रतिबंधों से प्रभावित नहीं होगी.

स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (ट्रैफिक) सुरेंद्र सिंह यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा की ‘डिलीवरी एग्जीक्यूटिव दवाएं और आवश्यक वस्तुएं ले सकते हैं. चिकित्सा सुविधाओं के अलावा डाक सेवाएं भी इस फैसले से अप्रभावित रहेंगी’.

वही विशेषज्ञों का कहना है की इस सरकारी फैसले से गिग श्रमिकों की आजीविका के साथ-साथ लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध के अलावा डिलीवरी सेवाओं को बंद करने से व्यवसायों और भोजन तक पहुंच पर असर पड़ना तय है. इस तरह के प्रतिबंध मुख्य रूप से गिग श्रमिकों की आजीविका को प्रभावित करेंगे.

सेवानिवृत्त आईएएस और भारत सरकार की पूर्व सचिव डॉ अरुणा शर्मा ने बताया “राष्ट्रीय राजधानी के भीतर इस सीमित गतिशीलता के कारण अनुमान है कि खाद्य वितरण और विभिन्न अन्य सेवाओं की मांग में वृद्धि होगी. यहां तक कि एमरजेंसी ई-कॉमर्स डिलीवरी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है.इसके अतिरिक्त यह स्थिति सीधे गिग वर्कर्स की आजीविका को प्रभावित करेगी जो आम तौर पर अपनी आय के लिए दैनिक कार्य पर निर्भर होते हैं.”

खबर है की सरकार के इस फैसले के बाद खाद्य सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों ने शिखर सम्मेलन के दौरान आवश्यक सेवा के रूप में काम करने की अनुमति का अनुरोध करते हुए सरकार से संपर्क किया है.

विभिन्न प्लेटफार्म बेस्ड कंपनियों ने सरकार से मांग की है की “शिखर सम्मेलन के दौरान बाजारों और अन्य ऑफ़लाइन दुकानों को संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई है और विशेषज्ञों ने भी यह संकेत दिया है कि इस कारण डिलीवरी सेवाओं की अधिक मांग होगी.इसलिए उन्हें सम्मलेन के दौरान काम करने की अनुमति दी जाये.”

इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा “जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान खुदरा दुकानों के बंद होने और ग्राहकों की संभावित बढ़ी हुई संख्या के कारण डिलीवरी सेवाएं, माल की डिलीवरी के लिए प्रमुख महत्व की होंगी और इस पर प्रतिबंध लगाने से उपभोक्ताओं के साथ-साथ विक्रेताओं को भी गंभीर असुविधा होगी. जो आमतौर पर होम डिलीवरी के माध्यम से अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.”

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चूंकि इस अवधि के दौरान व्यवसाय प्रभावित होगा. इसलिए दिल्ली में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और क्लाउड किचन ऑपरेटरों ने आवश्यक आपूर्ति की बर्बादी से बचने के लिए स्टॉक आइटम को कम करने का कदम उठाया हैं.

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि रेस्तरां से भोजन की डिलीवरी की अनुमति दी जानी चाहिए जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान किया गया था.

2020 में केंद्र सरकार ने कोविड-19 के कारण पहले राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों से खाद्य, फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों सहित ई-कॉमर्स सामानों की डिलीवरी को छूट दी थी.

इसके साथ ही कई और प्लेटफार्म बेस्ड सर्विस देने वाली कंपनियों ने भी सरकार से डेलिवरी सम्बन्धी छूट की मांग की थी.हालांकि सरकार की तरफ से इस मामले पर अभी तक इस पर किसी भी तरह का वक्तव्य नहीं आया है. सरकार अगर अनुमति नहीं देती है तो गिग वर्करों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा.अपनी आय के लिए डेलिवरी सर्विस पर निर्भर इन वर्करों के आने वाले 4 दिन भारी मुसीबत भरे हो सकते हैं.

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