दिल्ली में आगजनी का तांडव, मई में अबतक 42 मज़दूरों की मौत

By शशिकला सिंह

देश की राजधानी दिल्ली में सिर्फ मई के महीने में 19 तरीख तक 2000 आगजनी के मामले सामने आये हैं।

इन आगजनी की सभी घटनाओं में 42 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। सभी घटनाओं में 117 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

बीते शुक्रवार को दिल्ली के दमकल विभाग द्वारा यह जानकारी दी गई। फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि मई में 2145 फोन कॉल आयी जिसमें 117 मामलों में किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई है।

साथ ही विभाग का कहना है कि यह आंकड़ा बीते तीन सालों की तुलना  में सबसे अधिक है।

साल 2021 में पूरे मई महीने में आग की 2174 घटनाएं दर्ज हुई थीं, वहीं 2020 में इसी दौरान 2325 घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं।

वहीं मई 2019 में मई माह में 3297 घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं। आंकड़े दिखाते हैं कि मई 2019 में आग से 18 मौतें, 2020 में 10 और 2021 में 41 मौतें हुई थीं।

मुंडका अग्निकांड

13 मई मुंडका (Mundaka) मेट्रो स्टेशन स्थित एक तीन मंज़िला इमारत में भीषण आग लगाने के कारण 27 मज़दूरों की मौत हो गई और 19 गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

इस घटना में शव इतनी बुरी तरह से जल गए कि उनकी पहचान के लिए डीएनए जांच कराई जा रही है।

19 मई को दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में लगी आग में एक मज़दूर की मौत हो गई वहीं 6 लोग झुलस गए।

20 मई को दिल्ली के करोलबाग इलाके में स्थित साईकिल मार्केट में आग लगने की घटना सामने आई थी। दमकल विभाग 27 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था इस घटना में जानमाल का कोई  नुकसान नहीं हुआ।

फायर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल मई के आंकड़े बढ़ने की सबसे बड़ी वजह हाल में हुआ मुंडका अग्निकांड है।

इन 2145 आग की घटनाओं में से ज्यादा हादसे फैक्टरियों, झुग्गी झोपड़ियों या व्यावसायिक इमारतों में हुए थे।

फायर सर्विस के  अनुसार, अधिकतर फैक्टरियों और व्यावसायिक इमारतों के पास फायर एनओसी नहीं थी, बावजूद वहां मजदूरों से काम करवाया जा रह था।

दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, “गर्मियों में जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है वैसे-वैसे राजधानी में आग की घटनाएं बढ़ती हैं, खासतौर से अप्रैल और मई के महीने में यह ज्यादा देखने में आता है।”

दमकल विभाग की चुनौतियां

विभाग के आधिकारियों कहना है कि आग पर काबू पाने के लिए उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

दिल्ली के जिन इलाकों में आग लगी वो सभी भीड़भाड़ वाले इलाके थे, जहाँ दमकल कि गाड़ियों का पहुंचना आसान नहीं है।

उन्होंने कहा कि कॉल करने वालों में से अधिकांश ये नहीं बताते हैं कि वहां किस तरह की सामग्री भरी हुई है या कारखानों में क्या काम होता है, अगर किसी ने मलबे के नीचे लोगों के फंसे होने की सूचना नहीं दी तो बचाव उस ढंग से नहीें हो पाता।

उन्होंने कहा कि यदि आग लगने वाले स्थानों पर ज्वलनशील सामग्री और आपातकालीन निकास की कमी हो तो यह आग से होने वाले नुकसान को और बढ़ा देता है।

दिल्ली मई कई संस्थान ऐसे भी हैं जहा अग्निशमन उपकरण की कमी है।

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/05/robotic-fire-tender-@delhigovt.jpg

अग्निशमन रोबोट शामिल

दिल्ली सरकार ने शहर के अग्निशमन बेड़े में दो रोबोट शामिल किए, जो संकरी गलियों और दुर्गम स्थानों पर आसानी से पहुंच सकेंगे और आग बुझाने के जोखिम भरे काम में सहयोग करेंगे।

ये रोबोट 100 मीटर का इलाका एक साथ कवर कर सकते हैं।

साथ ही रिमोट से नियंत्रित होने वाले ये रोबोट संकरी गलियों, गोदामों, बेसमेंट, जंगलों में आग बुझाने और यहां तक कि तेल और रासायनिक टैंकरों में प्रवेश करने में सक्षम होंगे।

मुंडका अग्निकांड मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50 -50 हज़ार रुपए का मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है। केंद्र सरकार ने दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है।

मज़दूर संगठनों का प्रदर्शन लगातार जारी

विभिन्न अग्निकांडों में हुई मज़दूरों की मौत पर मज़दूर संगठनों का आक्रोश बना हुआ है जिसके कारण रोज़ दिल्ली के आला अधिकारियों के आवास के सामने विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है।

‘आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (ऐक्टू)’ ने मुख्यमंत्री के घर के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

साथ ही शुक्रवार को क्रान्तिकारी मज़दूर पार्टी, (आरडब्लूपीआई) द्वारा दिल्ली सचिवालय पर प्रदर्शन किया।

आरडब्लूपीआई ने घटना के शिकार हुए श्रमिकों को इंसाफ़, उचित मुआवजा देने की मांग की।

गौरतलब है कि 15 मई को राजधानी और आस-पास के इलाकों में भीषण लू चली, जिससे उत्तर पश्चिमी दिल्ली में 49.2 डिग्री सेल्सियस और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में 49.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

लू ने अधिकतम तापमान को खेल परिसर में 48.4 डिग्री सेल्सियस, जाफरपुर में 47.5 डिग्री सेल्सियस, पीतमपुरा में 47.3 डिग्री सेल्सियस और रिज में 47.2 डिग्री सेल्सियस के असहनीय उच्च तक पहुंचा दिया।

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