जनरल मोटर्स का तालेगांव प्लांट बंद, कर्मचारी यूनियन पहुंची बॉम्बे हाईकोर्ट

gm moters Pune

अमेरिकी ऑटो मोबाइल कपंनी जीएम मोटर्स की तालेगांव की कर्मचारी यूनियन बाॅम्बे हाईकोर्ट पहुंच गई है।

यूनियन ने कंपनी की ओर से महाराष्ट्र सरकार के श्रम विभाग को कंपनी को बंद करने के संबंध में लिखे पत्र पर जवाब मांगा है।

कंपनी ने महाराष्ट्र श्रम विभाग को लिखा है कि पुणे स्थित तालेगांव प्लांट को उसने चीन की एसयूीव और पिकअप बनाने वाली कंपनी जीएमडब्ल्यू को बेच दिया है।

यूनियन ने आरोप लगाया है कि कंपनी जनवरी 2020 के बाद से वर्करों पर वीआरएस लेने के लिए दबाव डाल रही है, जो नियमानुसार सही नहीं हैै।

याचिका में कहा गया है कि जब कंपनी को बेचा जा चुका है तो वो किस आधार पर क्लोज़र का आवेदन कर रही है?

यूनियन का आरोप है कि कंपनी प्लांट की ज़मीन, प्लांट की मशीनरी जीएमडब्ल्यू को अकूत मुनाफ़े के लिए बेच रही है, जबकि जीएमडब्ल्यू कर्मचारियों की ज़िम्मेदारी नहीं लेना चाहती और इनसे छुटकारा चाहती है।

जीएम मोटर्स के तेलगांव प्लांट में 1587 वर्कर काम करते हैं।

यूनियन ने कहा कि कंपनी 20 नवंबर को राज्य के श्रम विभाग को पत्र लिखकर कई वजहों से प्लांट बंद करने की अनुमति मांगी है।

यूनियन के अनुसार, चूंकि राज्य सरकार को इस संबंध में फैसला 60 दिनों के अंदर लेना होता है, इसलिए कंपनी के हित में फैसला आने से पहले कोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
स्थानीय ट्रेड यूनियन एक्टिविस्टों का कहना है कि जीएम मोटर्स के पास बेशुमार ज़मीन है और उसी ज़मीन को लेकर सभी तरह की शक्तियां सौदेबाज़ी कर रही हैं।
पहले इस इस प्लांट को चीन की कंपनी के हवाले किया जाना था और इस पर कागज़ी कार्यवाही भी हुई लेकिन अब इसे पूरी तरह बंद करने की योजना पर काम हो रहा है।

 

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