खोरी गांव में आज 1700 घरों पर चलाया बुलडोज़र, 9 लोग गिरफ़्तार, संघर्ष समिति के 3 सदस्यों को जेल भेजा

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2021/07/house-razed-to-dust-1-tt.jpg

हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित क़रीब एक लाख की आबादी वाले खोरी गांव में आज दूसरे दिन चली घर ढहाने की कार्यवाही में 1700 घरों को ज़मींदोज़ कर दिया गया।

विरोध करने वाले लोगों में से 9 लोगों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है और खोरी गांव में बनी मज़दूर आवास संघर्ष समिति के एक सदस्य को जेल भेज दिया गया है। जहां घर ढहाने की कार्यवाही हो रही है, वहां मीडिया को भी जाने की इजाज़त नहीं है और भारी पुलिस फोर्स तैनात है।

इससे एक दिन पहले बुधवार को क़रीब 300 घरों को ढहा दिया गया। तोड़े गए घरों में से अधिकांश पक्के मकान थे। पूरी बस्ती में मातम पसरा है।

दस से अधिक बुलडोजर चर्च कॉलोनी के पास का क्षेत्र, इस्लाम चौक, झारखंड कॉलोनी में बड़ी बेरहमी से चलाए गए। कई लोग खाने पीने का सामान भी घर से नहीं निकाल पाए और बुलडोजर ने उनके घरों को धराशाई कर दिया।

लोग रोते चिल्लाते रहे और प्रशासन को बार-बार पुनर्वास के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन प्रशासन एवं नगर निगम पुनर्वास के मुद्दे पर मौन रहकर बेदखली के लिए आगे बढ़ता चला गया। एक महिला अपना घर टूटता देख बेहोश हो गई।

मजदूर आवास संघर्ष समिति के सदस्य निर्मल गोराना ने बताया कि पुलिस प्रशासन फरीदाबाद मजदूर आवाज संघर्ष समिति के सदस्य को टारगेट कर रहा है ताकि पुनर्वास की आवाज खोरी में धराशाई किए गए घरों के मलबे में दबकर रह जाए।

उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच की पुलिस सादी वर्दी में खोरी गांव में घूम रही है और अपने मर्ज़ी से किसी भी व्यक्ति को पकड़ कर ले जा रही है जब परिजन थाने में संपर्क करते हैं तो उनको कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। 13 जुलाई को गिरफ्तार किए गए शमशेर एवं 14 जुलाई को गिरफ्तार किए गए इकरार अहमद, शकील सैफी, शब्बीर अंसारी को आज दोपहर 1:30 बजे पुलिस कमिश्नर अंजू सिंगला के समक्ष पेश किया गया जिन्हें आज तड़के दो दिन के लिए नीम का जेल भेज दिया गया।

आज प्रातः काल जब खोरी निवासी पुनर्वास के मांगकर रहे थे तभी सूरजकुंड पुलिस ने नितेश कुमार, मोतीलाल, अनिल कुमार, रामाशीष कुमार, कल्पना देवी, मुन्नी देवी, कविता देवी, प्रभाकर एवं सार्थक को मिलाकर कुल 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

एफ़आईआर नंबर 0461/2021 में आईपीसी की धाराएं 109, 114, 147,149,153, 188,269 एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

संघर्ष समिति खोरी गांव के सदस्य गोवड़ा प्रसाद बनाम हरियाणा सरकार के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। यह मामला हरियाणा में पुनर्वास की योजना को लेकर था जिसमें संशोधन की मांग मजदूर आवाज संघर्ष समिति खोरी गांव की तरफ से की गई थी।

हरियाणा सरकार ने मौखिक रूप से कहा कि हरियाणा सरकार 2003 की कट ऑफ डेट को 2021 कर चुकी है लेकिन यह ड्राफ्ट पॉलिसी है इसे अभी नोटिफाई नहीं किया गया है जिस कारण यह दस्तावेज सरकारी रूप से प्रमाणित नहीं माना जा सकता।

मजदूर आवास संघर्ष समिति ने नगर निगम आयुक्त, नगर प्रशासन उपायुक्त एवं डीसीपी फरीदाबाद को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि –

1. नगर निगम ने पुनर्वास हेतु जो टीम गठित की है वो तत्काल ही बेदखल किए गए परिवारों को, जो पुनर्वास चाहते हैं उन्हें डबुआ कॉलोनी में बनाए गए घरों की चाबी हाथों हाथ सुपुर्द करें। यदि वह घर रहने लायक नहीं है तो उन्हें किसी ट्रांसिट कैंप में अस्थाई आश्रय प्रदान करें। उसके लिए किसी भी प्रकार के आवेदन का इंतजार न करें।

2. पुनर्वास के रूप में प्रदान किए जा रहे घर की कीमत मजदूर परिवारों से नहीं वसूली जाए। यह निःशुल्क सुविधा सरकार की तरफ से पुनर्वास के रूप में पूरी गांव के निवासियों को प्रदान की जानी चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान इन मजदूर परिवारों का रोजगार भी छीन चुका है वो अभी घर की कीमत अदा करने की हालत में नहीं है।

3. पुनर्वास का लाभ लेने वाले परिवारों की 3 लाख रुपये की सालाना आय की सीमा भी खत्म करनी चाहिए।

4. पुनर्वास हेतु वोटर आईडी कार्ड, परिवार पहचान पत्र एवं बिजली कनेक्शन फॉर्म के साथ आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में जो भी उपलब्ध हो उनमें से किसी भी एक को मान्य किया जाए।

5. जिन परिवारों के पास दस्तावेज नहीं है उन्हें भी सूचीबद्ध किया जाए तथा उन्हें ट्रांसिट कैंप में शिफ्ट किया जाए और उनके पुनर्वास पर विचार किया जाए।

6. नगर निगम द्वारा द्वारा जारी की गई पुनर्वास की योजना केवल मात्र एक ड्राफ्ट दस्तावेज के रूप में है जिसे हरियाणा सरकार द्वारा तत्काल नोटिफाई करवाने की आवश्यकता है। कल अगर यह योजना का ड्राफ्ट बदल दिया गया तो इसकी क्या गारंटी रहेगी कि लोगों को पुनर्वास मिलेगा। सरकार को तत्काल ही नोटिफाई कॉपी सार्वजनिक करनी चाहिए।

7. नगर निगम द्वारा की जा रही तोड़फोड़ के दौरान लोगों पर जुल्म किया जा रहा है एवं पुलिस प्रशासन द्वारा झूठे मुकदमे में खोरी गांव वासियों एवं मानवाधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूंसा जा रहा है इसलिए मीडिया कर्मियों को खोरी गांव में प्रवेश की इजाजत दी जाए ताकि पारदर्शिता का पालन हो और लोगों को नगर निगम की कार्यवाही पर पर संदेह है ना हो।

सच्चाई दिखाने वालो को रोकना सीधा ही स्पष्ट करता है की जुल्म पर पर्दा रहे और मीडिया बाहर रहे यह प्रशासन को शोभा नहीं देता और ना ही हरियाणा सरकार को।

8. फरीदाबाद पुलिस द्वारा कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है जेल भेजा गया है। इस संबंध में मजदूर आवाज संघर्ष समिति का डीसीपी फरीदाबाद से निवेदन है कि तत्काल ही जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए।

यदि अपराध संगीन है और इसकी सजा 7 वर्ष से अधिक है तब भी आरोपी को पर्सनल बांड पर छोड़ दिया जाना चाहिए। क्योंकि अनीश कुमार बनाम बिहार सरकार के आदेश में उपरोक्त तथ्य सम्मिलित है। Contagion of covid-19 virus in presens Suo moto Wite Petition(civil) 1 of 2020 में अरनेश कुमार बनाम बिहार सरकार के मामले में दिए गए गाइडलाइन को फॉलो करना आवश्यक समझा जाए।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.