हवा-पानी-खाने की मांग पूरी ना होने पर बेलसोनिका के मजदूर भूख हड़ताल पर

Bellsonica employees protesting

मजदूरों के हवा-पानी-खाने पर कटौती और एक साथी मजदूर को ससपेंड किये जाने पर मैनेजमेंट द्वारा उन्हें उकसाने वाली हरकतों से तंग आ कर  बेलसोनिका ऑटो कॉम्पोनेन्ट इंडिया के मानेसर प्लांट के मजदूरों ने 20 मई से भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

बेलसोनिका एम्प्लाइज यूनियन का कहना है कि जहाँ जहाँ पर उनकी सुनवाई हो सकती थी, उन्होंने सारे आज़मा लिए। लेकिन कई दिनों तक केवल ज्ञापन देने और रैली करने पर जब कोई हल नहीं निकला, तब वे इस हड़ताल पर बैठ रहे हैं।

यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि विजेंदर द्वारा गलती से डाई में 2 पार्ट लग गए, जिसके पश्चात उनसे माफीनामा लिखवाया गया। सजा यहीं तक सीमित नहीं रही और उन्हें 3 दिन के लिए ससपेंड कर दिया गया। यूनियन की मांग है कि विजेंदर का सस्पेंशन खारिज कर तुरंत काम पर वापस बुलाया जाए।  प्रतिनिधियों ने कहा कि जब तक विजेंदर काम पर वापस नहीं आते हैं, तब तक 24 मई तक वे हड़ताल ख़त्म नहीं करेंगे।

मजदूरों को उकसाने के हथकंडे

मजदूरों का कहना है कि मैनेजमेंट जानबूझ के उन्हें उकसाने वाले कदम ले रही है ताकि मजदूर भड़क कर कोई गलती कर बैठें, और उन्हें काम से निकालना आसान हो जाए।

जहां एक तरफ इतनी भीषण गर्मी में पारा 49°C छू रहा है, दूसरी तरफ प्लांट में ठंडक के लिए चलाए जाने वाले एयर वॉशर को मजदूरों की कठिनाइयों को नजरंदाज करते हुए मैनेजमेंट अपनी मनमर्जी से बंद व चालू करती है।

यूनियन का कहना है कि हर साल गर्मी के मौसम के आते ही 1 अप्रैल से एयर वॉशर चालू कर दिए जाते थे और प्रोडक्शन के समय तक चलाये जाते थे।

लेकिन इस साल निर्धारित दिन से कई दिनों बाद भी एयर वॉशर चालू नहीं किए गए। 11 अप्रैल को मजदूरों ने शिकायत की। लेबर अधिकारी के कहने पर 19 अप्रैल को एयर वॉशर चालू किए गए।

लेकिन केवल सुबह 11 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलाया जाता था और अब मनमर्जी चालू व बंद कर दिए जाते हैं।

यूनियन ने डीसी को 5 मई को ज्ञापन सौंपा था।

अक्सर वेट-बल्ब ग्लोब टेम्परेचर (WBGT) टेक्नोलॉजी का हवाला दे कर बंद कर दिया जाता है। यह टेक्नोलॉजी बताती है कि कब प्लांट को वातानुकूलित करने की ज़रूरत है। चिलचिलाती गर्मी में मजदूरों की अनुभूति से ज़्यादा तकनीकी बोध पर ज़्यादा भरोसा किया जाता है।

टी टाइम में मिलने वाली चाय की जगह पर गर्मी के मौसम में नींबूपानी दिया जाता है। लेकिन मैनेजमेंट का आदेश है कि हर मजदूर को केवल एक ही गिलास नींबूपानी दिया जाएगा। कई मजदूरों का कहना है कि उस नींबूपानी में भी असली नींबू का इस्तेमाल न करके पाउडर डाला जा रहा है और कैंटीन में खाने की गुणवत्ता भी खराब है।

बेलसोनिका एम्प्लाइज यूनियन की 4 मांगें हैं:

1). विजेंदर का सस्पेंशन वापस लिया जाए। 

2). एयर वॉशर सुचारु रूप से चलाये जाएँ। 

3). कैंटीन में खाने की गुणवत्ता में सुधार किया जाए। 

4). प्रबंधन द्वारा की जा रही सभी प्रकार की उकसाने वाली कार्यवाहियों पर तुरंत रोक लगाई जाए।

उत्पाद असली – मजदूर नकली

इसके अलावा मजदूरों पर नकली और फर्जी डॉक्यूमेंट देने का आरोप लगा कर कार्यवाही की जा रही है। यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर उत्पादन असली, तो फिर मजदूर नकली कैसे। ऐसे मजदूर जो 8-10 सालों से कंपनी में कार्यरत हैं और उनके द्वारा बनाये गए पार्ट जिन गाड़ियों में लगे हैं, वो फर्राटे से सड़क पर दौड़ रही हैं। 

कंपनी द्वारा जारी किये गए सर्टिफाइड स्टैंडिंग आर्डर में मजदूर विरोधी नियम बनाये गए है। एक प्रतिनिधि ने बताया कि आर्डर के मुताबिक़ कोई मजदूर बिना अनुमति बाथरूम नहीं जा सकता। बिना अनुमति लिए जाने पर उन्हें बिना किसी सफाई के तुरंत टर्मिनेट कर दिया जाएगा। 

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