कोरोना काल में मज़दूरों ने 37 ख़रब डॉलर गंवाया, अरबपतियों ने 40 ख़रब डॉलर कमाया

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जबसे कोरोना महामारी शुरू हुई है दुनिया भर के कुल मज़दूरों ने 37 ख़बर डॉलर अपनी आमदनी गंवा दी है जबकि उसी दौरान दुनिया भर के ख़रबपतियों की दौलत में 40 ख़बर डॉलर (4 ट्रिलियन डॉलर) की बढ़ोत्तरी देखी गई। ये आंकड़ा जनवरी 2021 तक का है।

बीती जनवरी में आईऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के अरबपति अपनी बढ़ी हुई दौलत के साथ न सिर्फ कोरोना वायरस से हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं बल्कि उन सभी की कुल बढ़ी दौलत इस्तेमाल की जाए तो पूरी दुनिया का टीकाकरण कराने और लोगों को गरीबी में गिरने से रोका जा सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, ”जब से इस आपदा की शुरुआत हुई है तब से अरबपतियों की दौलत में जो वृद्धि है उससे धरती पर एक भी आदमी को ग़रीबी रेखा से नीचे जाने से बचाया जा सकता है। साथ ही  यह कमाई पूरी दुनिया में सभी के टीकाकरण में होने वाले भुगतान से भी अधिक है। ”

दुनिया भर में, अरबपतियों ने 18 मार्च से 31 दिसंबर, 2020 के बीच अपनी दौलत में 3.9 ट्रिलियन डॉलर (39 ख़रब डॉलर) की दर्ज की। ये राशि 2.8 के आगे 14 शून्य लगाने के बराबर दौलत है। इतनी भारत की अर्थव्यवस्था का पूरा आकार भी नहीं है।

वैसे महामारी की शुरुआत में अरबपतियों को भी बाकियों की तरह नुकसान उठाना पड़ा था लेकिन नवंबर महीने तक उन्होंने अपने नुकसान की भरपाई कर ली थी।

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इस बीच, आम लोगों के लिए नुकसान से पूरी तरह से उबर पाने में करीब एक दशक का वक्त लग सकता है। रिपोर्ट का यह भी अनुमान है कि 2020 के दौरान 20 करोड़ से 50 करोड़ लोग गरीबी में जा चुके हैं। अमेरिकी अरबपतियों ने पहले ही आपदा के समय भारी मुनाफा देखा है।

इनसाइडर ने बीते दिसंबर में बताया कि महामारी के दौरान अमेरिकी अरबपतियों की  संपत्ति  4 ट्रिलियन यानी 40 ख़रब डॉलर तक बढ़ते देखी गई। जबकि इंटरनेशनल लेबर आर्गेनाइजेशन की जनवरी 2021 की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना माहमारी के चलते तबतक दुनिया भर के मज़दूरों की आय में 3.7 ट्रिलियन डॉलर या 37 ख़रब डॉलर की कमी देखी गई।

इस दौरान पूरी दुनिया में 8.3 प्रतिशत वर्कर अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे और जो आमदनी उन्होंने खोई वो दुनिया की कुल जीडीपी का 4.4 प्रतिशत बैठता है।

उस समय टॉप 10 अरबपतियों की आय 1 ट्रिलियन यानी 10 खरब डॉलर से अधिक थी जो राष्ट्रपति बाइडन के प्रस्तावित प्रोत्साहन पैकेज के आधे से थोड़ा अधिक था।

ये लाभ प्रत्येक अमेरिकी को 3,000 डॉलर का प्रोत्साहन चेक भेजने की लागत से भी अधिक था। इनसाइडर की आइलेट शैफी के अनुसार पिछले कुछ महीनों में 80 लाख अमेरिकी गरीबी में जा चुके हैं।

ऑक्सफैम का कहना है कि पूरी दुनिया में अरबपतियों की आय 11.95 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जो कि G20 सरकारों द्वारा महामारी को रोकने में लगाए गए पैसे के करीब बराबर है।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट दुनिया को बेहतर करने के पांच कदमों के बारे में कहती है। उनमें से एक वेल्थ टैक्स लागू करना और टैक्स की घपलेबाजी पर रोक लगाना है।

महामारी के दौरान वेल्थ टैक्स एक नई अवधारणा के रूप में शोहरत पा रहा है। इनसाइडर के जोसेफ ज़ेबलोस-रोइगो की अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (जिसने पहले कर कटौती की वकालत की थी) ने कहा कि सरकारों को जरूरी राजस्व के लिए अपने सबसे अमीर नागरिकों पर अधिक टैक्स लगाने के बारे में सोचना चाहिए।

ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, “कोरोनावायरस संकट के बाद सबसे अमीर व्यक्तियों और बड़े संस्थाओं के  कर निर्धारण में जरूरी बदलाव करने चाहिए।”

(साभार- बिजनेस इनसाइडर)

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