लॉकडाउन से बेरोजगारी दर 27 फीसदी से पार, अब संगठित और सुरक्षित नौकरी वालों का नंबर

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने देश में बेरोजगारी पर सर्वे रिपोर्ट जारी की है। इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 3 मई 2020 समापित तक देश में बेरोजगारी दर बढक़र 27.1 फीसदी पर पहुंच गई है।

इससे पहले की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 में देश में बेरोजगारी दर बढक़र 23.5 फीसदी पर पहुंच गई थी। केवल अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर में 14.8 फीसदी का इजाफा हुआ। मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर में तेज बढ़ोतरी हुई।

सीएमआईई के चीफ एक्जीक्यूटिव महेश व्यास ने कहा कि लॉकडाउन के लंबे चलने पर बेरोजगार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है। शुरुआत में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की नौकरी गई हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे, संगठित और सुरक्षित नौकरी वालों की जॉब पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं ।

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स्टार्टअप ने ले-ऑफ की घोषणा की है और उद्योग संघों ने नौकरी के नुकसान की चेतावनी दी है। व्यास ने कहा कि नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की संख्या भी बढ़ी है। 3 मई को यह 36.2 फीसदी हो गई जो पहले 35.4 थी।

सीएमआईई के अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि अप्रैल में दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों और छोटे व्यवसायी सबसे ज्यादा बेरोजगार हुए हैं। सर्वे के अनुसार 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। इनमें फेरीवाले, सडक़ के किनारे सामान बेचने वाले, निर्माण उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी और कई लोग हैं जो रिक्शा या ठेला लगाकर गुजारा करते थे।

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