अगले बजट सत्र में मजदूर संघर्ष रैली 2.0 का आह्वान, औद्योगिक मजदूर, किसान और खेतिहर मजदूर होंगे शामिल

मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किये जा रहे हैं। मज़दूर संघ यूनियनों ने अब नए लेबर कोड का तीखा विरोध करना शुरू कर दिया है।

बीती 5 सितम्बर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम ट्रेड यूनियनों के सयुक्त अधिवेशन का आयोजना किया गया। यह अधिवेशन भारतीय ट्रेड यूनियनों के केंद्र (CITU), अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS), और अखिल भारतीय कृषि श्रमिक संघ (AIAWU) के सदस्यों द्वारा किया गया।

अधिवेशन में देशभर से दसियों हज़ार मज़दूरों और किसानों में भाग लिया।

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ट्रेड यूनियनों ने अगले बजट सत्र में मजदूर संघर्ष रैली 2.0 का आह्वान किया है। इस रैली में औद्योगिक मजदूर, किसान और खेतिहर मज़दूरों को शामिल किया जायेगा।

गौरतलब है कि लगातार हो रहे  विरोध प्रदर्शनों को देख कर लगता है कि अब मोदी सरकार के लिए नए लेबर कोड को लागू करने में काफी मुश्किलों का सामान करना पड़ सकता है।

पिछले महीने दिल्ली में मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) की ओर से मजदूर विरोधी नीतियों और निजीकरण के खिलाफ उत्तर भारत का मजदूर कन्वेंशन आयोजित हुआ था।

जिसमें आगामी 13 नवम्बर को राजधानी दिल्ली के राष्ट्रपति भवन तक रैली का ऐलान किया गया है।

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