मानेसर: हिताची ठेका मज़दूरों ने डीसी ऑफिस के सामने सामूहिक भूख हड़ताल की आयोजित, जानिए क्या हैं मांगें

आईएमटी मानेसर में स्थित हिताची मेटल्स इण्डिया कंपनी के ठेका मज़दूरों ने आज डीसी ऑफिस के सामने सामूहिक भूख हड़ताल का आयोजन किया। यह हड़ताल सुबह 9 बजे से 5 बजे तक की गयी। मज़दूरों ने अपनी सामूहिक मांगों का ज्ञापन डीसी ऑफिस में मौजूद डिप्टी मजिस्ट्रेट तहसीलदार को सौंपा।

ठेका मज़दूरों की मुख्य मांग है कि बीते एक महीने में निकाले गए 20 साथी ठेका मज़दूरों को तत्काल काम पर वापस लिया जाये।

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हड़ताली मज़दूरों ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि हम सभी ठेका मज़दूर बीते दो साल से स्थाई काम पर स्थाई रोज़गार की मांग कर रहे हैं। इस संबंध ने हमें अपनी मांगों का सामूहिक मांग-पत्र श्रम विभाग गुड़गांव में लगाया है। जिसके बाद से प्रबंधन लगातार मज़दूरों को बिना किसी ठोस वजह के काम से निकाल रहा है।

उनका कहना है कि प्रबंधन ने मज़दूरों के लिए कुछ ऐसे नए नियम बनाये हैं जिसमें मज़दूरों की नैतिक दिनचर्या के अधिकारों को भी छीन लिया गया है। उनका कहना है अपने तानाशाही व्यवहार के कारण प्रबंधन लगातार ठेका मज़दूरों का शोषण कर रहा है।

ठेका मज़दूर ने बताया कि बीते हफ्ते हमारे एक अगुवा मज़दूर को काम से निकाल दिया है। इतना ही नहीं इसके पहले भी प्रबंधन बिना कारण बताए मज़दूरों को काम से निकाल रहा है।

मज़दूरों की मांग

आठ घंटे की सामूहिक भूख हड़ताल पर बैठे ठेका मज़दूरों की मांग है कि सामूहिक मांग पत्र को तत्काल हल करवाया जाए। सामूहिक मांग पत्र की वजह से निकाले गए साथियों को काम पर वापस लिया जाए। ठेका प्रथा खत्म की जाए, स्थाई काम पर स्थाई रोजगार तथा समान काम का समान वेतन दिया जाए। प्रबंधन तथा ठेकेदार द्वारा बदले की कार्य बंद करवाई जाए। छुट्टी, गेट पास, शिफ्ट चेंज को बहाल किया जाए। श्रमिकों तथा प्रबंधन के वेतन अंतर को कम किया जाए।

आखिर क्यों भूख हड़ताल पर बैठे मज़दूर

गौरतलब है की हिताची मेटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, IMT मानेसर, गुड़गांव के वे मजदूर जिनको पिछले 5 – 6 सालों से कंपनी में गैरकानूनी तरीके से ठेकेदारी में कार्य करवाया जा रहा है। और यह आईएमटी मानेसर में तमाम उद्योगों के 90-95% मजदूरों के साथ हो रहा है।

हिताची ठेका मज़दूरों ने स्थाई काम पर स्थाई रोजगार और समान काम पर समान वेतन की अपनी मांगों को लेकर सामूहिक मांग-पत्र श्रम विभाग गुड़गांव में लगाया है। कंपनी में मज़दूरों को धमकाया जा रहा है। जरूरी होने पर भी छुट्टी नहीं दी जा रही है। यहां तक भी परिवार में किसी की मृत्यु होने पर भी छुट्टी नहीं दी जा रही है।

इसके उल्टा मज़दूरों का गेट बंद कर रहा है। अभी तक 20 मजदूर साथियों का गेट बंद कर दिया गया है। यह लड़ाई तमाम ठेका मजदूरों की लड़ाई है।

तमाम ठेकेदारों के पास लोडिंग और अनलोडिंग के लाइसेंस हैं और वो तमाम कंपनियों में ऑपरेटर भर्ती करवा रहे है। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस बारे में डी सी ऑफिस में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

इसलिए आज लघु सचिवालय के बाद सामूहिक भूख हड़ताल का आयोजन किया गया था।

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मज़दूरों की इस हड़ताल में मानेसर के अन्य मज़दूर यूनियन ने अपनी मौजूदगी देते हुए समर्थन किया। इसमें मारुती मज़दूर यूनियन के सदस्य आमेंद्र सिंह और खुशीराम, बेलसोनिका मज़दूर यूनियन के प्रधान कपूर और दिनेश सिंह मौजूद रहे। साथ ही इंकलबी मज़दूर केंद्र के सदस्यों ने भी हड़ताल में शामिल हो कर मज़दूरों का हौसला बढ़ाया।

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