मानेसर: हिताची प्रबंधन ने 20 दिनों में 14 ठेका मज़दूरों को काम से निकाला

आईएमटी मानेसर में स्थित हिताची मेटल्स इण्डिया का प्रबंधन अंधाधुन्द ठेका मज़दूरों को काम से निकाल रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी की  प्रबंधन ने  20 दिन के अंदर 14 ठेका मज़दूरों का बिना कारण बताये कंपनी का गेट बंद कर दिया है।

मज़दूरों का कहना है कि प्लांट में मज़दूरों की सुरक्षा सुविधाओं की हालात बहुत ख़राब है। जब इन मुद्दों को लेकर मज़दूर मांग करते है तो उनको नौकरी से निकाल दिया जाता है। इतना ही नहीं ठेका मज़दूरों का आरोप है कि प्रबंधन के अधिकारी अपने आप को सर्वशक्तिमान मान रहे हैं।

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हिताची के एक अगुवा ठेका मज़दूर ने वर्कर्स यूनिटी को बताया कि प्रबंधन को न तो श्रम विभाग का डर है और न ही पुलिस का। उलटा जब मज़दूर नौकरी से निकालने का कारण पूछते हैं तो अधिकारियों द्वारा मजदूरों को बोला जाता है कि जाओ श्रम विभाग वालों से नौकरी मांगो। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले हम सभी ठेका मज़दूरों ने अपनी मांगो का एक पत्र श्रम विभाग में  सहायक श्रमायुक्त को सौंपा था।

उसके बाद से ही मज़दूरों को निकालने की गतिविधि बढ़ गयी है।

‘अधिकारी करते हैं आपत्तिजनक शब्दों का इस्तमाल’

नौकरी से निकाले गए ठेका मज़दूर का कहना है कि जब उन्होंने अपने फटे हुए जूतों के बदले नए जूतों की मांग की, तो प्रबंधन ने उनको निकाल दिया।

उन्होंने बताया कि मैंने अपने फटे हुए जूतों के बदले नए जूतों की मांग थी। जिसके बाद प्रबंधन में काम करने वाले असिस्टेंट मैनेजर दीपक गर्ग ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि तुम्हारे जूते रैलियां और प्रदर्शन में घूमने से घिसें हैं और कहा कि अपने अपने लीडर्स के मांगो जूते।

मज़दूर का कहना है कि एक ठेका मज़दूर होने के कारण हमको हमेशा नौकरी जाने का डर बना रहता है , इसलिए मैं रोज़ प्लांट आता हूँ। उनका कहना है कि जो आरोप अधिकारी द्वारा लगाए जा रहे हैं वह बिलकुल गलत है।

आप को बता दें कि हाल ही में हिताची प्रबंधन ने मज़दूरों की दिन चर्या पर भी पाबंदियां लगाने का एक नोटिस जारी किया था। जिसमें प्रबंधन ने मज़दूरों को प्लांट में फ़ोन का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी है।

इतना ही नहीं काम के दौरान पानी पीने के समय निश्चित किया था। जिसके बाद मज़दूरों में प्रबंधन पर तानाशाही का आरोप लगाया था। साथ मज़दूरों का कहना था कि इस तरह की हरकतों से प्रबंधन मज़दूरों को निशाना बना कर नौकरी से निकालने की तैयारी कर रहा है।

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गौरतलब है कि हिताची के 200 ठेका मज़दूर स्थाई काम पर स्थाई रोज़गार की मांग कर रहे हैं। जिसके सम्बन्ध में सभी मज़दूरों ने अपनी मांगों का पत्र गुड़गांव में डी.सी. कार्यालय में उपायुक्त को सौंपा था। मज़दूरों का कहना है कि इस सम्बन्ध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी हैं।

ठेका मज़दूरों का कहना है कम्पनी नियमों के अनुसार सभी ठेका मज़दूरों ने 240 दिन की अवधि कार्य करते पूरी कर ली है। अब सभी ठेका मज़दूरों को स्थाई काम पर स्थाई रोजगार दिया जाना चाहिए। साथ ही वेतन में भी बढ़ोतरी की भी मांग कर रहे है। लेकिन प्रबंधन लगातार मज़दूरों को काम से निकालने की धमकी दे रहा है।

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