नफरत फैलाने वाले ग्राहकों पर कार्रवाई करे स्विगीः ट्रेड यूनियन

हैदराबाद के एक ग्राहक द्वारा ऑनलाइन फूड पहुंचाने वाली कंपनी स्विगी (Swiggy) को मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय नहीं भेजने के निर्देश से नया विवाद पैदा हो गया है।

डिलीवरी वर्कर यूनियन ने फूड डिलीवरी एग्रीगेटर स्विगी से उस ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जिसने कथित तौर पर अपने ट्विटर अकाउंट पर यह लिखा है ‘मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय द्वारा पर्सन नहीं चाहिए’।

डिलीवरी वर्कर यूनियन ने Swiggy से इस प्रतिक्रिया के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग की है।

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तेलंगाना गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन ने अपने एक ट्विटर पोस्ट में कहा है कि हर डिलीवरी वर्कर को खाना डिलीवर करने का अधिकार है। उसको जाति और धर्म के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने जताया आक्रोश

इसे मुद्दे का संज्ञान लेते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने स्विगी से कहा है कि वह ऐसे ग्राहकों की सूची जारी करे और उन्हें ब्लैक लिस्ट करने के साथ उनके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराए।

सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि हैदराबाद के एक ग्राहक द्वारा स्विगी को मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय को नहीं भेजने के निर्देश से लगता है कि कट्टरता सामान्य बात होती जा रही है, यह दुखद है। उन्होंने स्विगी से कहा कि वह ऐसे ग्राहकों की सूची सार्वजनिक करे और उन्हें आगे फूड सप्लाई नहीं करे तथा उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराए।

टीएमसी नेता ने यह भी कहा कि हैदराबाद के ग्राहक की यह हरकत पूरी तरह अवैध है।लोकसभा सांसद ने ट्वीट कर कहा कि जो कभी व्यक्तिगत पूर्वाग्रह हुआ करता था, वह अब सार्वजनिक बहुसंख्यकवाद के रूप में सामने आ रहा है।

कार्ति चिदंबरम ने भी की निंदा

कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने भी स्विगी ग्राहक के इस तरह के अनुरोध की निंदा की है। उन्होंने कहा कि स्विगी को ऐसे ग्राहकों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।

स्विगी की प्रतिक्रिया मोइत्रा के ट्वीट के जवाब में, स्विगी के कस्टमर केयर ट्विटर हैंडल ने कहा, “एक समान अवसर मंच के रूप में, स्विगी के डिलीवरी ब्रह्मांड में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है।

आदेशों का असाइनमेंट पूरी तरह से स्वचालित है और ऐसे किसी भी अनुरोध को ध्यान में नहीं रखता है। कुछ दिनों पहले इस घटना की पहली बार रिपोर्ट किए जाने के बाद से हम अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए स्क्रीनशॉट की प्रामाणिकता और नवीनता को सत्यापित करने का प्रयास कर रहे हैं।”

गौरतलब है कि इसी तरह की घटना 2019 में Zomato पर हुई है, जब एक ग्राहक ने अपना ऑर्डर रद्द कर दिया क्योंकि उसका ऑर्डर देने वाला कर्मचारी मुस्लिम था।

इस घटना के बाद जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने ट्वीट किया था, ‘खाने का कोई धर्म नहीं होता। यह एक धर्म है। हमें भारत के विचार – और हमारे सम्मानित ग्राहकों और भागीदारों की विविधता पर गर्व है। हमारे मूल्यों के आड़े आने वाले किसी भी व्यवसाय को खोने के लिए हमें खेद नहीं है।”

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