नौकरी मांगने गई लड़की का लेबर अफसर ने किया रेप

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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर की एक 21 वर्षीय महिला ने दो लेबर अफसरों पर गैंग रेप करने का आरोप लगाया है।

जिसमें से एक अफसर 1990-बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी है और द्वीपों के मुख्य सचिव भी रह चूका है।

इंडियन एक्सप्रेस से मिली जानकारी के मुताबिक पोर्ट ब्लेयर के डीजीपी ने बताया कि युवती की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

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पोर्ट ब्लेयर के एबरडीन पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। मामला एक अक्टूबर को दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी।

पीड़ित महिला की शिकायत

महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि नौकरी की तलाश में एक होटल मालिक के माध्यम से उसका परिचय लेबर अफसर से कराया गया और अफसर उसे मुख्य सचिव के घर ले गए। जहां उनपर शराब पीने का दबाव बनाया गया।  उन्होंने शराब पीने से मना किये तो वहां मौजूद लेबर अफसरों ने उनको सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया। इसके बाद, उसने आरोप लगाया, दो पुरुषों द्वारा उसके साथ रेप किया गया।

दो हफ्ते बाद, उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया, उन्हें रात 9 बजे फिर से मुख्य सचिव के आवास पर बुलाया गया और फिर से रेप किया गया। उन्होंने बताया कि उनको इस बात कि जानकारी पुलिस में देने के लिए मना किया गया था और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी।

कड़ी पुलिस सुरक्षा

महिला की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें कड़ी पुलिस सुरक्षा दी गयी है। पुलिस ने कहा कि एसआईटी का नेतृत्व एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक करेंगे। जिन दो लेबर अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, वे जितेंद्र नारायण और आर एल ऋषि हैं। जितेंद्र तीन महीने पहले अंडमान के मुख्य सचिव रह चुके हैं और आरएल ऋषि श्रम आयुक्त के पद पर तैनात थे। जितेंद्र वर्तमान में दिल्ली वित्तीय निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक जिस कार से महिला को घटना स्थल पर लेजाया गया था उसका नंबर ऋषि के नाम दर्ज है। महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि जितेंद्र के घर की सीसीटीवी फुटेज को जब्त किया जाए, साथ ही उसके स्टाफ से भी पूछताछ की जाए। युवती ने प्राथमिकी में अपने साथ हुए गैंग रेप की पूरी जानकारी दी है।

प्राथमिकी के मुताबिक अप्रैल और मई में उनको जितेंद्र के सरकारी आवास पर ले जाया गया और वहां उनके साथ रेप किया गया।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एसआईटी टीम को एक नया कार्यालय मिल गया है और वह जांच को “निष्पक्ष और समयबद्ध” तरीके से संभालेगी। पोर्ट ब्लेयर में एसआईटी के साथ-साथ मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा महिला का धारा 164 सीआरपीसी (इकबालिया बयान) दर्ज किया गया है जहां उसने दूसरी शिकायत दर्ज की है।

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गौरतलब है कि देश में महिलाओं से रेप के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।  राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार इस बात का घुलासा किया गया है कि 2015 में भारत में रेप के 34,651 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 33,098 मामलों में अपराधी पीड़ितों के परिचित थे।

रिपोर्ट के मुताबिक जिन महिलाओं के साथ रेप किया गया है उनकी उम्र छह वर्ष से कम से लेकर 60 वर्ष से अधिक तक दर्ज की गयी है। मध्य प्रदेश में 4,391 रेप के मामले दर्ज किए गए हैं, जो राज्यों में सबसे अधिक हैं। जबकि, राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे 2,199 मामले सामने आए हैं, जो केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ज्यादा हैं।

रिपोर्ट में केवल उन आकड़ों को पेश किया गया है जिनकी FIR दर्ज की गयी। लेकिन असल में रेप के ज्यादातर मामलों में पीड़ित महिलाओं या उनके परिवार वालों द्वारा केस ही दर्ज नहीं करवाया जाता है।

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