दिल्ली के डॉक्टरों का तीन माह से बकाया है वेतन, राज्यपाल ने भी नहीं की कोई मदद

उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नॉर्थ एमसीडी) के तहत आने वाले दो अस्पतालों- कस्तूरबा और हिंदू राव के 350 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों को तीन से चार महीने तक का वेतन नहीं मिला है।

वेतन न मिलने से नाराज डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने अपनी मांगें मानने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

इस संबंध में नगर निगम डॉक्टर एसोसिएशन ने भी शुक्रवार को एलजी को पत्र लिखा था कि, यदि वरिष्ठ डॉक्टरों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो वे सामूहिक इस्तीफे पर जाएंगे।

वेतन के संबंध में डॉक्टरों के विभिन्न संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल अनिल बैजल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को पत्र लिख चुके हैं। हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकला है।

नॉर्थ एमसीडी के तहत काम करने वाले करीब 3,000 स्वास्थ्य कर्मचारियों का तीन महीने से अधिक समय से वेतन बकाया है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत गिरधर लाल मातृत्व अस्पताल से जुड़े, डॉ. आर. आर. गौतम ने कहा, ‘हमें अपने वेतन के लिए कब तक भीख माँगनी पड़ेगी… महामारी की स्थिति में भी हम अपने परिवार की जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं, अतिरिक्त घंटे लोगों की सेवा कर रहे हैं। प्रशासन को हमारे बारे में सोचना चाहिए। और हमें वेतन के लिए विनती ना करनी पड़े’।

वे आगे कहते हैं, जब भी वेतन की बात करो तो दिल्ली सरकार और एमसीडी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेलने लगती हैं।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा गांधी और हिंदू राव सहित छह अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के बकाया वेतन को लेकर 19 जून तक भुगतान करने का निर्देश जारी किया है।

पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार, उत्तर एमसीडी और विभिन्न डॉक्टरों के संघ को भी नोटिस जारी किया, जो कि उच्च न्यायालय द्वारा शुरू की गई जनहित याचिका पर अपना पक्ष रखने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है। जिसकी सुनवाई 8 जुलाई को होने वाली है।

दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि कर्मचारियों के बकाया वेतन का भुगतान करने के लिए उनके पास राशि नहीं है। इसीलिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 31 मई को ट्वीटर के जरिए केंद्र सरकार से मदद माँगते हुए लिखा था।

“मैंने केंद्रीय वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए 5 हज़ार करोड़ रुपए की राशि की माँग की है। कोरोना व लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन क़रीब 85% नीचे चल रहा है। केंद्र की ओर से बाक़ी राज्यों को जारी आपदा राहत कोष से भी कोई राशि दिल्ली को नहीं मिली है”।

उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा था, “केंद्र सरकार से निवेदन है कि आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करे”।

इतने प्रयासों के बाद भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले दो अस्पतालों के हाथ निराशा ही लगती हुई नज़र आ रही है।

(इस खबर में प्रकाशित कुछ हिस्सों को इंडियन एक्सप्रेस से लिया गया है।)

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