ट्विटर पर ट्रेंड में आई पुरानी पेंनशन योजना बहाल करने की मांग, दो लाख ट्वीट, रीट्वीट

लॉकडाउन के समय जब कोरोना महामारी और नौकरी जाने की ख़बरें सुर्खियां बन रही हों, ट्विटर पर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग का ट्रेंड करना किसी ताज्जुब से कम नहीं।

बीते शुक्रवार ट्वीटर पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करो हैशटैग टॉप ट्रेंडिंग में था और इसमें शामिल थे केंद्र और राज्य के साथ काम करने वाले सरकारी कर्मचारी।

नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) फ़ेडरेशन ‘पुरानी पेंनशन योजना को बहाल करने का अभियान चला रहा है। संगठन का दावा है कि इस अभियान से अबतक 13 लाख से अधिक कर्मचारी जुड़़ चुके हैं।

केंद्रीय नागरिक सेवा पेंशन कानून 1972, को खत्म करते हुए केंद्र की अलट बिहारी वाजयेपी सरकार ने जनवरी 2004 के बाद नया पेंशन कानून लागू कर दिया उन सरकारी कर्मचारियों के लिए जिनकी भर्ती 31 दिसंबर 2003 के बाद हुई है।

एनएमओपीएस के प्रेसिडेंट मनजीत सिंह पटेल ने कहा, नई पेंशन योजना कर्मचारियों द्वारा आखरी समय पर किए गए काम को लेकर निम्नतम पेंशन की गारन्टी नहीं देता है।

महंगाई भत्ता शामिल करने की मांग

उन्होंने आगे कहा, नई पेंशन योजना में इस मुद्दे के अलावा एक और मुद्दा शामिल है। नई पेंशन योजना में महंगाई भत्ता शामिल करने का प्रावधान नहीं है।

दिल्ली सरकार के साथ काम करने वाले पटेल ने कहा, पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को साल में दो बार घोषित महंगाई भत्ते का लाभ मिलता था।

पटेल ने बताया, नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर-मार्केट से जुड़ी पेंशन प्रणाली के खिलाफ है।

उन्होंने बताया, हमारी मांग सत्ता के गलियारों तक पहुंचे इसीलिए हमने, ‘पुरानी पेंनशन योजना को बहाल करो’का अभियान ट्विटर पर चलाया है। इस अभियान में कर्मचारियों ने अपने परिवार के साथ बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कई कर्मचारियों ने हाथ में पोस्टर लेकर तस्वीरे ट्वीटर पर सांझा की है।

शुक्रवार को पुरानी पेंनशन योजना को बहाल करो अभियान ट्वीटर पर ट्रेंड कर रहा था। जिसे दो लाख से अधिक लोगों ने ट्वीट और रीट्वीट किया है।

एनएमओपीएस ने नई पेंशन योजना में संशोधन करने की मांग की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने यह कहते हुए कि पेंशन कोष को इस तरह निवेश किया जा रहा है कि इसका फायदा कर्मचारियों को होगा और मांग को खारिज कर दिया था।

नई पेंशन योजना का विरोध करने के लिए, गठित एनएमओपीएस दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश सहित 16 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

(ये खबर आउटलुक मैगजीन में प्रकाशित हो चुकी है और साभार यहां दिया जा रहा है। हिंदी में रुपांतरण किया है खुशबू सिंह ने।) 

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