प्रधानमंत्री मोदी बिजली कंपनियों पर मेहरबान, 90 हजार करोड़ ले सकेंगी लोन

बिजली क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने की कवायद के बीच अब उनके खजाने को भरने की कठिनाइयों को दूर करने में सरकार जुट गई है। वित्तीय संकट का हवाला देकर राज्य बिजली वितरण कंपनियों को राहत देने पर आज बड़ा फैसला हुआ।

उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना में शामिल डिस्कॉम्स को लोन लेने के लिए वर्किंग कैपिटल की लिमिट के नियमों में ढील दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह छूट के बाद अब ये कंपनियां 90 हजार करोड़ रुपये की लिक्विडिटी इनफ्यूजन स्कीम से लोन ले सकेंगी।

Electricity Employee protest in varanasi

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”बिजली खपत में कमी आई है। कंपनियां बिजली के बिल कलेक्ट नहीं कर पा रही हैं। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को वर्किंग कैपिटल लिमिट से 25 फीसदी से अधिक लोन देने की अनुमति दी गई है। इससे राज्य वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम्स के पास नकदी बढ़ जाएगी। वर्किंग कैपिटल लिमिट पिछले साल के राजस्व की 25 फीसदी है। अब इस लिमिट में छूट दी गई है।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मई में डिस्कॉम्स के लिए 90 हजार करोड़ रुपये की लिक्विडिटी इनफ्यूजन की घोषणा की थी। देश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च के अंत में लॉकडाउन लगाया गया था। तभी से देश में बिजली की मांग में कमी आई है।

हालांकि कुछ कंपनियां इस पैकेज के तहत लोन हासिल करने के लिए पात्र नहीं थीं क्योंकि वे उदय योजना के तहत वर्किंग कैपिटल लिमिट की शर्तों को पूरा नहीं कर पा रही थीं। इस योजना के तहत बैंक और वित्तीय संस्थान किसी डिस्कॉम को उसके पिछले साल के रेवेन्यू के 25 फीसदी के बराबर ही वर्किंग कैपिटल दे सकते हैं। लेकिन अब इसमें छूट दे दी गई है।

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