मानेसर : पावर प्रेस मशीन पर काम के दौरान मज़दूर की आठ उंगलियां कटी, कंपनी सुपरवाइजर और मालिक के खिलाफ FIR दर्ज

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गुड़गांव के आईएमटी मानेसर स्थित एक ऑटो स्पेयर पार्ट्स निर्माण कंपनी में पावर प्रेस मशीन पर काम करने के दौरान 26 वर्षीय मज़दूर के हाथों की आठ उंगलियां काटने का मामला समाने आया है।

निजी कंपनी में काम करना वाले पीड़ित महेश उत्तर प्रदेश के बांदा के रहने वाले हैं। हिंदुस्तान टाइम्स से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस का कहना है कि महेश को सुपरवाइजर ने पावर प्रेस मशीन पर काम करने के लिए कहा, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर मोटर वाहन के पुर्जे बनाने में किया जाता है।

सुपरवाइजर ने बनाया था दबाव

पीड़ित में महेश पुलिस को बताया कि “मुझे एक ऑटो स्पेयर पार्ट्स निर्माण कंपनी में हेल्पर के तौर पर काम पर रखा गया था। 8 सितंबर को जब मुझसे पावर प्रेस मशीन पर काम करने को कहा गया तो मैंने सुपरवाइजर से कहा कि मैं एक हेल्पर हूं और मशीन को चलाना नहीं जानता।

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उनका कहना है कि मैं शिक्षित नहीं हूं और मुझे मशीन चलाने का कोई प्रशिक्षण नहीं था। सुपरवाइजर ने कहा कि ऑपरेटरों की कमी है और काम करने से मना करने पर मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दी।

महेश का कहना है कि पावर प्रेस चलाने के कुछ ही मिनटों में उनके दोनों हाथों की चार- चार अंगुलियां कुचल गईं। उनका कहना है कि मेरे मना करने के बावजूद, मुझे मशीन चलने के लिए मजबूर किया गया।

इस घटना के बाद से महेश बहुत परेशान हैं। उनका कहना है कि मैं एक महीने में ओवरटाइम के बाद 10,600 रुपये कमा रहा था। लेकिन अब मुझे कौन काम देगा।

मुआवजे की उम्मीद

महेश ने इस बात की उम्मीद जताई है कि शायद पुलिसिया कार्यवाही के बाद कम्पनी कुछ मुआवजा देने के लिए तैयार हो जाये।

उनके चचेरे भाई अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने पीड़िता की ओर से लिखित शिकायत दर्ज कराई है। कुमार ने शिकायत में आरोप लगाया कि कंपनी के सुपरवाइजर और मालिक की लापरवाही के कारण यह घटना हुई।

उन्होंने कहा, “घटना के बाद, पीड़ित को सेक्टर 5 के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया और 11 सितंबर को छुट्टी दे दी गई।”

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एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें 11 सितंबर को घटना की सूचना मिली थी। शनिवार को उसका बयान दर्ज किया गया और मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है।”

आरोपी के खिलाफ खेरकी दौला पुलिस स्टेशन में धारा 287 (मशीनरी के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य), 338 (जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना) और 34 (सामान्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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