मारुति: मज़दूर संगठनों ने किया रैली का ऐलान,10 साल से जेल में बंद मज़दूर की रिहाई मुख्य मांग

https://www.workersunity.com/wp-content/uploads/2022/03/maruti-suzuki-foundation-day-Manesar.jpg

गुड़गांव मानेसर स्थित मारुति सुजुकी मजदूर संघ और अन्य ट्रेड यूनियन 18 जुलाई को मारुति आंदोलन के 10 साल पूरे होने पर एक रैली का आयोजन करेंगे।

यह रैली सोमवार 4 बजे राजीव चौक, गुरुग्राम से लघु सचिवालय तक निकली जाएगी। रैली के बाद सभी संगठनों का सामूहिक ज्ञापन डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर को सौंपा जायेगा।

इस रैली में मारुति सुजुकी गुडगांव यूनियन, मारुति सुजुकी मानेसर यूनियन, पावरट्रेन मानेसर यूनियन, सुजुकी बाइक खेड़की दौला यूनियन, सनबीम यूनियन गुडगांव व बेलसोनिका यूनियन मानेसर इन सभी संगठनों के सदस्य भाग लेंगे।

गौरतलब है कि मारुति आंदोलन के दौरान 18 जुलाई 2012 को एक घटना हुई जिसके मारुती प्लांट को बंद कर दिया गया था। साथ ही हज़ारों मज़दूरों को नौकरी से निकाल दिया गया था और सैकड़ों को जेल में डाल दिया गया था साथ ही 13 मज़दूरों को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी।

वर्कर्स यूनिटी को सपोर्ट करने के लिए सब्स्क्रिप्शन ज़रूर लें- यहां क्लिक करें

18 जुलाई 2012 से अब 18 जुलाई 2022 तक इस घटना को 10 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी जेल में बंद एक मज़दूर को रिहा नहीं किया गया है।

संगठन के सदस्यों का आरोप है कि नई श्रम कानूनों में भी मजदूर विरोधी बदलाव किए गए है। जिसके बाद मजदूर वर्ग की चुनौतियां और बढ़ जाएंगी।

संगठनों की मांग है कि:

  • 10 साल से जेल में बंद मज़दूर को रिहा किया जाये।
  • 18 जुलाई 2012 को गैरक़ानूनी तौर पर नौकरी से निकाले गए मारुति के 546 मज़दूरों की बहाली की जाये।
  • नए लेबर कोड तत्काल वापस लिए जाये।
  • संस्थानों के अंदर मज़दूरों को होने वाली समस्यों का तत्काल निवारण किया जाए।

मारुती आंदोलन: 3000 मज़दूर हुए थे बर्खास्त

मारुति के मानेसर प्लांट में 18 जुलाई, 2012 की घटना के बाद तकरीबन 3000 मज़दूरों बर्खास्त किए गए थे। इसमें 546 स्थाई मज़दूर और 2500 ठेका मज़दूर शामिल थे।

साथ ही मारुति सुजुकी, मानेसर के प्रबंधन द्वारा 18 जुलाई, 2012 को प्लांट में साजिशपूर्ण घटना के बाद से 13 मज़दूरों पर झूठे आरोप लगा कर जेल में बंद कर दिया था। जिसमें से एक मज़दूर को अभी तक रिहा नहीं किया गया है।

इसी संघर्ष और ग़ैरमुंसिफ़ाना सजा के दौरान दो मज़दूरों -पवन दहिया व जिया लाल की बीते साल दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई थी।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.